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अतिक्रमण से खतरे में राहगीरों की जिंदगी

बिहारशरीफ । प्रशासन की कुंभकर्णी निद्रा से अतिक्रमणकारियों की बल्ले-बल्ले है। कल तक इक्के-दुक्के नजर

By Edited By: Published: Sun, 05 Jul 2015 10:13 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2015 10:13 PM (IST)
अतिक्रमण से खतरे में राहगीरों की जिंदगी

बिहारशरीफ । प्रशासन की कुंभकर्णी निद्रा से अतिक्रमणकारियों की बल्ले-बल्ले है। कल तक इक्के-दुक्के नजर आने वाले फुटपाथियों की आज शहर के हर क्षेत्र में कब्जा है। इन सब के पीछे मुख्य रूप से जिम्मेदार तंत्र को ही दोषी ठहराया जा रहा है। अम्बरे मोहल्ला निवासी लाला सुधीर प्रसाद कहते हैं कि फुटपाथों के आक्रमण से शहर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यदि अब भी प्रशासन की निद्रा नहीं टूटी तो आने वाले दिनों में शहर की स्थिति और भी भयावह होगी।

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दिन के 11 बजे अम्बेर चौक पर संवाददाता अपने फोटोग्राफर के साथ स्थिति का मुआयना कर रहे थे। इस इस चौक पर कोर्ट, कालेज व रजिस्ट्री आफिस के अलावा एसडीओ कार्यालय, समाहरणालय जाने का रास्ता है। इस रास्ते से आसानी से बाहर निकलना किसी चुनौती से कम नहीं है। हर कोई फुटपाथी व अवैध टेम्पो के मोड़ पर खड़ा रहने से लोग परेशान दिखे। किसी तरह लोग बीच सड़क से चिलचिलाती धूप से बाहर निकलने की जुगत में दिखे। हर कोई यहां की प्रशासनिक व्यवस्था को कोस रहा था।

कहते हैं लोग

दीपक कुमार कहते हैं कि प्रशासन की लापरवाही से आज शहरवासियों को पैदल चलने की जगह तक नहीं बची है। जो भी फुटपाथ बने हैं उस पर पूरी तरह से दुकानदारों व ठेले वालों का कब्जा है। ऐसे में आम जनता को उससे पार पाना बड़ी चुनौती है।

लाल बाबू राय कहते हैं कि यदि पहले ही प्रशासन इस मसले पर गंभीर होती तो आज शहर की स्थिति ऐसी नहीं होती। हालात ऐसी बदतर हो गई है कि लोगों को घर से निकलकर बाजार आने के लिए सोचना पड़ता है। फुटपाथियों के कारण आधी सड़क कब्जे में है ऐसे में जाम लगना कोई बड़ी बात नहीं है।

संजीत कुमार गुप्ता कहते हैं कि एक समय नगर निगम ने फुटपाथियों को हटाने का अभियान चलाया था तो लगने लगा था कि शायद शहरवासियों को अब जाम से निजात मिल जाएगी। लेकिन यह मात्र खानापूरी की गई। आज फुटपाथियों को हटाने में प्रशासन कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है। पता नहीं यदि इसी तरह कुंभकर्णी निद्रा में प्रशासन सोई रही तो पता नहीं शहरवासियों का क्या होगा।

अरुण कुमार कहते हैं कि अब भी वक्त है यदि प्रशासन पूरे मामले का संज्ञान लेकर फुटपाथियों व ठेले वालों पर लगाम लगानी शुरू कर दे तो अभी भी इससे निजात मिल सकती है। इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा दोषी प्रशासन है। प्रशासन की उदासीनता के कारण ही आम शहरी को यह जिल्लत झेलनी पड़ रही है।

कहते हैं अधिकारी

फुटपाथियों व ठेले वालों पर लगाम लगाने के लिए निगम योजना बना रही है। जल्द ही इस मामले में निगम संज्ञान लेगा। आने वाले दिनों में शहर को फुटपाथियों से मुक्ति दिलाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम काफी गंभीर है।

डा. त्यागराजन एसएम

नगर आयुक्त, बिहारशरीफ


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