नालंदा को विश्व मानचित्र पर लाने की कवायद
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : राजगीर, कतरीसराय, गिरियक व सिलाव प्रखंड के 38 पंचायतों को बिहार शहरी आय
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : राजगीर, कतरीसराय, गिरियक व सिलाव प्रखंड के 38 पंचायतों को बिहार शहरी आयोजना व विकास बोर्ड अन्तर्गत राजगीर आयोजना क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इन पंचायतों में मानक स्तर की सभी आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा। यह जानकार जिला प्रशासन की ओर से जिला जनसंपर्क विभाग के पदाधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि गिरियक प्रखंड के पोखरपुर, दुर्गापुर, घोसरावां, रैतर, गिरियक, चोरसुा, गाजीपुर, पुरैनी, पीअरपुर, आदमपुर, राजगीर प्रखंड भूई, बरनौसा, मैर, गेरौर, लोदीपुर, पथरौरा, नाहुब, नई पोखर, पिलखी, कतरीसराय के मैराबरीठ, कतरी, कटौना देवशपुरा, विलारी व सिलाव प्रखंड के नीरपुर, बड़गांव, सूरजपुर, कुलफतेहपुर, गोरावां, सुवैत, धरहरा, महुरी, घुसतावां, करियन्ना, पावाडीह, गोरवां, नानंद व बराकर पंचायतों को इस योजना में शामिल किया गया है।
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प्राकृतिक धरोहरों को किया जाएगा विकसित
राजगीर आयोजना क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 517 वर्ग सेंटीमीटर होगा एवं इस क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए इस प्रकार से विकसित किया जाएगा कि देशी व विदेशी पर्यटक के लिए यह आकर्षण का केन्द्र होगा। साथ ही यहां के लोगों का जीवन स्तर भी उन्नत बनेगा।
राजगीर आयोजना क्षेत्र का प्रारूप प्रकाशित
राजगीर आयोजना क्षेत्र का प्रारूप प्रकाशित कर दिया गया है। इसका अवलोकन जिला मुख्यालय व संबंधित अनुमंडल, प्रखंड कार्यालय व जिला के वेबसाइट पर किया जा सकता है। आयोजना क्षेत्र में पड़ने वाले ग्राम पंचायत या शहरी क्षेत्र को शामिल किए जाने से संबंधित किसी भी प्रकार का सुझाव जिला सामान्य शाखा व अनुमंडल कार्यालय राजगीर में दिया जा सकता है।
नालंदा खंडहर के आसपास के क्षेत्र भी होंगे विकसित
राजगीर आयोजना क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध नालंदा खंडहर व इससे जुड़े स्थलों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में विकसित करने की कवायद चल रही है। नालंदा खंडहर के आसपास के इलाकों को विकसित करने व इस ऐतिहासिक स्थल को वैश्रि्वक मानक के अनुरूप विकसित करने से संबंधित बैठक में प्रभारी जिला पदाधिकारी रचना पाटील ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को इस स्थल के आसपास पार्किंग व्यवस्था, साफ-सफाई व सभी प्रकार के आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि इस स्थल को इस प्रकार से विकसित किया जाए कि पर्यटकों को इस इलाके में प्रवेश करते ही नालंदा खंडहर व इसकी समृद्ध विरासत का आभास मिलने लगे एवं वे एक खुशनुमा अनुभूति लेकर यहां से वापस लौटे। बैठक में अपर समाहत्र्ता जगदीश प्रसाद सिंह, खुर्शीद आलम, एसडीओ इनायत खान समेत पुरातत्व व अन्य संबंधित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।