ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिशनर चिकित्सा जगत की रीढ़
संवाद सहयोगी, राजगीर (नालंदा) : ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिशनर चिकित्सा जगत में एक रीढ़ की तरह है। ग्राम
संवाद सहयोगी, राजगीर (नालंदा) : ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिशनर चिकित्सा जगत में एक रीढ़ की तरह है। ग्रामीण क्षेत्रों में कम पैसों में लोगों का बेहतर उपचार करते हैं। इसलिए ऐसे प्रैक्टिशनरों की जितनी भी सराहना की जाए कम होगी। उक्त बातें रविवार को राजगीर स्थित सरस्वती भवन में जन जीवक संघ द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सम्मलेन का उद्घाटन के उपरांत लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य संरक्षक डा. सियाशरण प्रसाद ने कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रैक्टिशनर यदि अपनी सेवा देना बंद कर दे तो गावों की स्थिति काफी भयावह हो जाएगा। संघ के प्रदेश सचिव डा. विपिन कुमार सिन्हा ने कहा कि ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिशनरों को सरकार ने अपने द्वारा जो प्रशिक्षण दिलाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री ने 2 अगस्त 2014 को आईएमए हाल पटना में प्रशिक्षण दिलाने के बाद सेवा में बहाल करने की बाते कही थी। लेकिन यह आदेश अभी तक किसी जिले में अमल नहीं हुआ है। इस सम्मेलन में पटना के हृदय रोग विषेशज्ञ डा.वीवी भारती ने भी चिकित्सा से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में लोगों को विस्तार से बताया। सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष डा.जेपी गुप्ता, पटना के डा. रविप्रकाश, बिहारशरीफ के चर्चित आर्थो सर्जन डा.चन्देश्वर प्रसाद, डा. दीनानाथ वर्मा, डा.अवधेश कुमार, डा. उर्मिला सिंह, शिशुरोग विशेषज्ञ डा.राजीव रंजन, डेंटल सर्जन डा.अनिल प्रसाद सहित अन्य जाने-माने चिकित्सक इस सम्मेलन में शिरकत किए। सम्मेलन को सफल बनाने के लिये संघ के अध्यक्ष डा. जयप्रकाश शर्मा, डा.भोला प्रसाद, डा. शशिभूषण प्रसाद, डा.ओमप्रकाश, डा.अनिल कुमार, डा.यदुनंदन प्रसाद, डा. धनेश्वर प्रसाद, बसंती देवी, सुनीता सिन्हा, ज्योति वर्मा, किरण सिन्हा, जिला सचिव डा.संजय कुमार, डा. विनोदानंद शर्मा, डा. संजय कुमार, डा.देवेन्द्र प्रसाद, डा.कमला देवी सहित अन्य चिकित्सकों की सराहनीय भूमिका रही।