बिना गुनाह तलाक पर बहस की गुंजाइश : आयोग
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : दुबई से फोन पर तलाक के मामले में नगमा को न्याय दिलाने में महिला आयोग भी
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : दुबई से फोन पर तलाक के मामले में नगमा को न्याय दिलाने में महिला आयोग भी खुद को असहाय महसूस कर रहा है। इस मसले पर आयोग ने किसी भी तरह का संज्ञान लेने से हाथ खड़ा कर दिया है। आयोग की अध्यक्षा अंजूम आरा ने बताया कि शरीयत के हिसाब से नगमा को दिया गया तलाक मान्य है। अगर लड़की तलाक को स्वीकार नहीं करती तो इस मामले में कुछ किया जा सकता था। हालांकि उन्होंने बिना गुनाह के तलाक पर बहस की गुंजाइश बतायी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर चर्चा की जा सकती है। हालांकि उन्होंने यह कहा कि प्रताड़ना के मामले पर आयोग कार्रवाई कर सकती है।
बता दें कि बिहारशरीफ की नगमा निगार को उसके शौहर ने दुबई से मां और भाई के मोबाइल पर फोन कर तलाक दे दिया है। ससुराल वालों ने नगमा के साथ मारपीट भी की थी। इस बात को लेकर मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों के बीच काफी चर्चा हो रही है। तलाक मामले में प्रताड़ना की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से शहर में इस बात की काफी चर्चा थी कि नगमा से मिलने महिला आयोग की टीम आ रही है। लेकिन आयोग की अध्यक्षा ने इस बात से साफ इन्कार कर चर्चा पर विराम लगा दिया है।