सरमेरा का अंचल कार्यालय बना रणक्षेत्र, लूटे गोदाम
संवाद सूत्र, सरमेरा (नालंदा): बाढ़ राहत में बरती जा रही अनियमितता के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। सोमवार को सरमेरा प्रखंड कार्यालय रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। करीब एक हजार से ज्यादा ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय को पूरी तरह घेर लिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सुबह के तकरीबन 8 बजे से ही प्रखंड कार्यालय में आक्रोशित ग्रामीणों का हुजूम जुटने लगा। तकरीबन दो घंटे में ही ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय को अपने कब्जे में ले लिया। आक्रोशित ग्रामीण कार्यालय में घुसने लगे तभी पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों को रोकने का प्रयास किया लेकिन काफी संख्या में ग्रामीणों के होने के कारण बात बिगड़ते चली गई। अंतत : पुलिस और ग्रामीणों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने जमकर रोड़ेबाजी शुरू कर दी। रोड़ेबाजी होते ही अंचल कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। इतना ही नही ग्रामीण प्रखंड परिसर में स्थित एफसीआई के गोदाम में घुस आए और चावल व गेहूं के बोरे लूट लिये । इस बीच पुलिस ने ग्रामीणों को रोकने का प्रयास किया पर ग्रामीण और उग्र भी हो गए। इसके बाद पुलिस ने अपनी अभिरक्षा व भीड़ को तितर-बितर करने के लिए तकरीबन आठ चक्र फायरिंग की। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ग्रामीण पुलिस की मौजूदगी में अनाज गोदाम लूटते रहे और वे मूकदर्शक बने रहे। इधर घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अनुमंडलाधिकारी सुरेश प्रसाद सिन्हा, विधि-व्यवस्था डीएसपी संजय कुमार ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे। काफी मशक्कत के बाद अनुमंडलाधिकारी ने लोगों को बाढ़ राहत का लाभ दिलाने का भरोसा दिलाया तथा दोषी लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करने का आश्वासन दिया तब लोग माने। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रखंड के कुछ कर्मचारियों एवं बिचौलियों की मिलीभगत से पैसे देकर अपने चहेतो का नाम सूची में डाल दिया। जबकि पूरा प्रखंड बाढ़ से प्रभावित है। लेकिन इसका लाभ चंद लोगों को दिया जा रहा है यह ग्रामीणों के साथ घोर अन्याय है। फिलहाल घटनास्थल पर एसडीओ, डीएसपी, थानाध्यक्ष कैप किए हुए हैं।