तिलैया डैम नहीं छोड़ रहा पानी : डीएम
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : जिले के लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। तिलैया डैम से पानी छोडे़ जाने की बात कोरी झूठ है। तिलैया डैम अभी पूरी तरह से भरा ही नहीं है। इस डैम में पानी फुलवरिया का जलस्तर बढ़ने पर वहां से छोड़ा जाता है। फुलवरिया का जलस्तर भी अभी कम है। यह बात सोमवार की शाम डीएम बी.कार्तिकेय ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि जिले में बाढ़ की जो स्थिति बनी हुई है वह झारखंड की नदियों से है।
उन्होंने माना कि जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह है। खुद डीएम ने बताया कि जिले के बीस प्रखंडों में 15 प्रखंड बिहारशरीफ, रहुई, अस्थावां, सरमेरा, बिंद, कतरीसराय, गिरियक, करायपरसुराय, हिलसा, हरनौत, परवलपुर, चंडी, थरथरी, नूरसराय एवं बेन बाढ़ प्रभावित हैं। इसमें रहुई, अस्थवां एवं सरमेरा प्रखंड सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित प्रखंडों की 128 पंचायतें पूर्णरूप से तथा 116 पंचायतें आंशिक रूप से बाढ़ की चपेट में हैं जिसमें कुल मिलाकर लगभग 7 लाख 17 हजार 400 की आबादी प्रभावित है। लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई है। डीएम ने कहा कि फसलों के नुकसान का आकलन अभी जारी है। अंदाजा अभी नहीं मिल सका है। बाढ़ के कारण विभिन्न कारणों जैसे करंट लगने, नदी पार करने तथा नहाने के दौरान डूबने एवं मकान गिरने से दबने से 10 लोगों के हताहत होने की सूचना है। जिले में एनडीआरएफ की दो कंपनियां आई हैं। विभिन्न जिलों से 99 नावें बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए मंगवाई गई हैं। बाढ़ विस्थापितों के लिए प्रखंडों में 15 कैंप चलाए जा रहे हैं। डीएम ने बताया कि निचले इलाके में झोपड़ी में रहने वाले गरीब तबके के लोग जिनकी झोपड़ियां बाढ़ के कारण गिर गई हैं या बाढ़ में डूब गई हैं वैसे लगभग डेढ़ हजार लोग कैंप में रह रहे हैं। कुछ कैंपों में केवल भोजन लेने के लिए लोग आ रहे हैं। वैसे कैंप को बंद करने का निर्णय लिया गया है। बाढ़ के कारण फैलने वाले बीमारियों के रोकथाम के लिए मेडिकल टीम सिविल सर्जन के दिशा-निर्देश पर भ्रमण कर रहा है। वे अबतक 186 व्यक्तियों का इलाज कर चुके हैं। मेडिकल टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों 77 सौ हैलोजन का टेबलेट बांट चुका है। इसके अलावा 1658 क्विंटल ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा चुका है। डीएम ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के बीच 55 क्विंटल चूड़ा, 14 क्विंटल गुड़ तथा 39 सौ पॉलीथीन शीट्स बांटा गया है। वहीं सभी अंचलों में लाइफ जैकेट भी बांटे गए हैं ताकि लोग सुरक्षित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहे।