कॉरपोरेट ऑफिस की तर्ज पर शिक्षा भवन का सपना अधूरा, दो दशक से कवायद जारी
प्रक्रिया के तहत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस शिक्षा विभाग के सभी दफ्तर बनाने हैं। कई बार प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन निर्माण नहीं हो सका।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कॉरपोरेट ऑफिस की तर्ज पर शिक्षा भवन का सपना पूरा नहीं हो सका। दो दशक से इस दिशा में कवायद जारी है। इसके तहत एक ही छत के नीचे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस शिक्षा विभाग के सभी दफ्तर बनाने हैं। मुजफ्फरपुर जिले में शिक्षा भवन को लेकर कई बार प्रक्रिया शुरू हुई। तत्कालीन क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने शिक्षा भवन बनाने का प्रस्ताव दिया था। डीपीओ स्थापना परिसर में शिक्षा भवन बनाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
परित्यक्त घोषित भवन में काम
डीपीओ स्थापना ऑफिस में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कारण परित्यक्त भवन में कर्मचारी काम करने को मजबूर हैं। डीपीओ स्थापना ऑफिस का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। प्रशासन इसे परित्यक्त घोषित कर चुका है। इसके बावजूद उसी भवन में काम-काज हो रहा है। कर्मचारियों के समक्ष कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि बैठने व काम करने के लिए जगह का अभाव है।
तत्कालीन प्रधान सचिव ने की थी परिकल्पना
एक ही छत के नीचे शिक्षा विभाग के सभी कार्यालय होंगे। तत्कालीन प्रधान सचिव मदन मोहन झा ने इसकी परिकल्पना की थी। एक ही छत के नीचे जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीओ स्थापना, डीपीओ माध्यमिक शिक्षा, डीपीओ लेखा, डीपीओ एसएसए के कार्यालय होंगे।
भवन निर्माण पर साढ़े तीन करोड़ रुपये
साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत से शिक्षा विभाग का नया भवन बनना है। प्रस्तावित चार मंजिला इस भवन के ग्राउंड फ्लोर पर गैरेज रहेगा। इसमें एसएसए, स्थापना, माध्यमिक शिक्षा, लेखा, जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय होंगे। शिक्षा विभाग के सभी कार्यालय इंटरकॉम से जुड़े रहेंगे। फर्नीचर मद में 50 लाख रुपये खर्च होने हैं।
शिक्षा भवन में सुविधाएं
बायोमीट्रिक प्रणाली से कर्मचारियों की उपस्थिति बनाने का प्रस्ताव है। शिक्षा भवन में लिफ्ट की योजना है। एक लाइब्रेरी, रिफ्रेशर रूम, स्टोर, गेस्ट रूम होगा। परिसर में एक प्ले ग्राउंड भी होगा। एक जेनरेटर भी रहेगा।