शहीद सैनिकों के परिजनों को मिला सुकून
मैंने रेडियो पर खबर सुनी है कि भारतीय सेना ने सात आतंकी शिविरों को नष्ट किया है जिससे काफी खुशी हुई। भारत को यह कार्य पहले ही कर देना चाहिए। अब भारत के शहीद सैनिकों के परिजनों को सुकून मिला है।
मुजफ्फरपुर। मैंने रेडियो पर खबर सुनी है कि भारतीय सेना ने सात आतंकी शिविरों को नष्ट किया है जिससे काफी खुशी हुई। भारत को यह कार्य पहले ही कर देना चाहिए। अब भारत के शहीद सैनिकों के परिजनों को सुकून मिला है। यह कहना है 23 जुलाई 1999 को कारगिल में शहीद प्रखंड के फंदा निवासी सुनील कुमार सिंह के पिता 82 वर्षीय गणेश प्रसाद सिंह का। उन्होंने कहा कि भारत को परमाणु हमले की धमकी से डरना नहीं चाहिए। अगर परमाणु बम उसके पास है तो हमारे पास भी है। पाकिस्तान की आर्थिक नाकेबंदी कर पहले वहां चल रहे आतंकी शिविर को नष्ट किया जाए। फिर भी न माने तो युद्ध कर उसे नेस्तानाबूद कर दिया जाना चाहिए।
दुर्जन को उपदेश देना, भैंस के आगे बीन बजाने के समान है। कौरवों के सामने श्रीकृष्ण ने अंत तक शांति का प्रस्ताव रखा, मगर उन्होंने एक न मानी तो पांडवों को युद्ध करना ही पड़ा। उसी तरह भारत को भी युद्ध करना ही पड़ेगा। गौरतलब हो कि फंदा निवासी गणेश प्रसाद सिंह के पुत्र सुनील कुमार सिंह 1988 में सेना के पैराशूट रेजिमेंट में शामिल हुए। 1989 में श्रीलंका के जाफना में हुए युद्ध में शामिल हुए। 1994 में ऑपरेशन विजय में भाग लिया। 1999 के कारगिल युद्ध में 34 दिनों तक दुश्मनों से लोहा लेते हुए 23 जुलाई 1999 को लैंड माइंस खोज के दौरान शहीद हो गए।
सर्जिकल ऑपरेशन से सीना हुआ चौड़ा : हमने सीमा पर अपना बेटा खोया है। मेरे जैसे अन्य लोगों ने सीमा पर अपना बेटा खोया है। इस ऑपरेशन से हमारा सीना चौड़ा हो गया है। यह कहना है कारगिल शहीद प्रमोद के पिता बिंदेश्वर राय का। उन्होंने भारतीय सेना के सर्जिकल ऑपरेशन को सही वक्त पर सही कदम बताया। कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने का सही समय है। हमारी सेना की यह कार्रवाई शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धाजलि है। शहीद प्रमोद की मां दौलती देवी कहती हैं कि देश के लिए बेटा खोई हूं। सीमा पर लड़ने वाले सभी जवान मेरे पुत्र के समान हैं। चाहती हूं कि हर हाल में पाकिस्तान को सबक मिले। शहीद के भाई दिलीप चाहते हैं कि पाकिस्तान में चलाए जा रहे सभी आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया जाए। पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित किया जाए। भारत सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे। मालूम हो कि कुढ़नी प्रखंड की माधोपुर सुस्ता पंचायत निवासी प्रमोद 30 मई 1999 को कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे।