ठोस कचरा प्रबंधन की अनदेखी पर सजा
केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सौजन्य से बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने गुरुवार को 'ठोस कचरा प्रबंधन' विषय पर मिठनपुरा स्थित एक सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया।
मुजफ्फरपुर। केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सौजन्य से बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने गुरुवार को 'ठोस कचरा प्रबंधन' विषय पर मिठनपुरा स्थित एक सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें विशेषज्ञों ने पर्यावरण संरक्षा अधिनियम 1986 के तहत विभिन्न प्रकार के कचरों के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से समुचित प्रबंधन के लिए अधिसूचित विभिन्न नियमावलियों की जानकारी दी। साथ ही ठोस अपशिष्टों के उपचार एवं निपटान के बारे में बताया।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव एस. चंद्रशेखर ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ठोस कचरे का प्रबंधन नगर निगम के साथ-साथ हम सबकी जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि अधिसूचित नियमावलियों के अनुरूप ठोस कचरों का समुचित प्रबंधन नहीं किए जाने की स्थिति में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। इसकी अनदेखी पर सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, ई. अपशिष्ट नियमावली, जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंध नियमावली, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 को जल्द ही सुनिश्चित किया जाएगा।
कार्यशाला में शामिल पर्यावरण वैज्ञानिक एसएन जायसवाल ने ठोस अपशिष्ट के विभिन्न तकनीकी पहलुओं, इसके सुसंगत उपचार एवं निपटान की तकनीक तथा कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। पर्षद के सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी डॉ. नवीन कुमार ने जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन पर प्रकाश डाला। पर्षद के सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी अरुण कुमार ने निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट के प्रबंधन पर प्रकाश डाला।