बाबा नगरी दूर है, जाना जरूर है..
बाबा नगरी दूर है, जाना जरूर है..। कुछ ऐसी ही लालसा मन में लिए कई कावरिए हर साल देवघर से बाबा गरीबनाथ धाम तक का सफर तय करते हैं।
मुजफ्फरपुर। बाबा नगरी दूर है, जाना जरूर है..। कुछ ऐसी ही लालसा मन में लिए कई कावरिए हर साल देवघर से बाबा गरीबनाथ धाम तक का सफर तय करते हैं। कई पहलेजा से गरीबनाथ नंगे पांव चले आते हैं। कंधे पर कांवर और पथरीले रास्ता होने के बाद भी श्रद्धालुओं के उत्साह में कमी नहीं आती। वे बढ़ते चले जाते हैं।
पहली बार पहलेजा से गरीबस्थान जलाभिषेक को जाने वालीं औराई की राधा कुमारी कहती हैं कि श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था तक नहीं की जाती। कंकड़-पत्थर वाले रास्तों से गुजरना मजबूरी होती है। अहियापुर की मौसम व डाली कहती हैं कि दो सालों से कांवर यात्रा पर जा रही हूं। ईश्वर की कृपा से भूख प्यास का अनुभव नहीं होता। इस बार भी जा रही हूं।
32 वर्षो से कांवर यात्रा कर रहे कांटी के चंद्रदीप उर्फ बोमल कहते हैं कि हर बार कांवर लेकर बाबा के दर पर पहुंचता हूं। किसी तरह की कठिनाई नहीं होती। भविष्य निधि विभाग में कार्यरत सीताराम सिंह कहते हैं कि भक्तों के लिए भगवान के घर से बुलावा आता है तभी दर्शन हो पाता है। भीड़ कैसी भी हो सब आसानी से जल चढ़ा लेते हैं। छह वर्षो से जलाभिषेक के लिए पहलेजा से गरीबनाथ की यात्रा करने वाले डीएवी के छात्र मुकुंद कहते हैं कि पापा-मम्मी के साथ हर बार जाता रहा हूं। किसी तरह की तकलीफ का अहसास तक नहीं होता।