बिना हेलमेट की सवारी, जिंदगी में भारी
सभी को मालूम है। उन्हें बार-बार बताया भी जाता है कि बिना हेलमेट बाइक की सवारी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है।
मुजफ्फरपुर। सभी को मालूम है। उन्हें बार-बार बताया भी जाता है कि बिना हेलमेट बाइक की सवारी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। सामान्य दुर्घटना होने पर भी पहले सड़क पर गिरे सवार के सिर में चोट लगती है। यह अन्य अंगों में लगी चोट से काफी घातक होती है। इससे सवार की मौत, पक्षाघात व स्थायी मानसिक विकलांगता हो सकती है। हेलमेट लगाकर नहीं चलने वालों के खिलाफ कानून में प्रावधान भी है। उन्हें जुर्माना भी लगाया जाता है। इसके बाद भी यह सिलसिला रुकता नहीं है। मजे की बात है कि हेलमेट पहन कर बाइक चलाने का पाठ पढ़ाने वाले पुलिस व ट्रैफिक के अधिकारी बिना हेलमेट बाइक चलाते नजर आते हैं। चेकिंग होती है तो हेलमेट पहन कर चलने वालों की संख्या बढ़ जाती है।
गांधीगीरी से लेकर कड़ाई तक चला अभियान
पिछले साल से हेलमेट पहनकर बाइक चलाने को लेकर ट्रैफिक व पुलिस विभाग की ओर से कई स्तर पर अभियान शुरू किया गया। सबसे पहले लोगों से अपील की गई। उनमें जागरुकता बढ़ाने के लिए कई स्तरों पर कार्यक्रम का आयोजन कर बताया गया कि हेलमेट उनकी जिंदगी के लिए कितना जरूरी है। इसे लगाकर बाइक चलाना उनकी शान में कोई कमी नहीं, बल्कि जीवन को सुरक्षित करने वाला है। इसके बाद पुलिस की ओर से गांधीगीरी भी की गई। बिना हेलमेट चलने वाले बाइक सवार को चौक चौराहों पर रोक कर गुलाब के फूल दिए गए तथा उनसे अपील की गई। इसके बाद शुरू हुआ पुलिस का सख्त रवैया। बिना हेलमेट चलने वाले बाइक सवारों को रोककर चालान काटे गए। उनसे जुर्माना वसूला गया। शहर से लेकर देहात तक चले इस अभियान का व्यापक असर दिखाई देने लगा। हर चौक-चौराहे पर लाल रसीद लेकर पुलिस अधिकारी भी दिखने लगे। अधिकांश लोग हेलमेट पहनने के अभ्यस्त होने लगे हैं।