पेंशन के लिए दिव्यांग भाई को पीठ पर लाद लाया, फिर भी नहीं पसीजे अधिकारी
प्रशासनिक अधिकारियों की निर्दयता का शिकार एक दिव्यांग हो रहा है।
मुजफ्फरपुर। प्रशासनिक अधिकारियों की निर्दयता का शिकार एक दिव्यांग हो रहा है। पेंशन के लिए वह काफी दिनों से चक्कर काट रहा है। चलने-फिरने में असमर्थ होने और गरीबी के चलते उसका भाई अक्सर उसे पीठ पर लादकर समाहरणालय लेकर आता है। अधिकारी हैं कि पसीजते नहीं। उनके दिल में दया नहीं आती। काम नहीं होने के चलते वह भाई के साथ लौट जाता है।
बताया गया कि पेंशन दिलाने के लिए उसके परिजन परेशान हैं। इसके लिए फॉर्म भरे गए। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के यहां गुहार लगाई, लेकिन हुआ कुछ नहीं। अधिकारियों को विश्वास हो इसके लिए सुनवाई के दौरान उपस्थित करने के लिए दिव्यांग भाई को पीठ पर लादकर गुरुवार को समाहरणालय में ऑफिसों का दिनभर चक्कर लगाया। नतीजा कुछ नहीं निकलने पर अंतत: शाम में निराश होकर घर लौट गया। यह पीड़ित शख्स गायघाट थाना क्षेत्र के हसना गांव का 21 वर्षीय दिव्यांग मो.शरीफ है।
उसके पिता मो. इस्लाम कहते हैं कि मेडिकल जांच में 65 फीसदी दिव्यांगता के प्रमाण चिकित्सकों ने दिया है। वह चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ है। घर से बाहर ले जाने के लिए लाद कर ले जाना पड़ता है। उसे किसी तरह की सहायता नहीं मिलती है। दिव्यांग पेंशन के लिए कई महीने पहले आवेदन दिया। इसके लिए हाकिमों तक गुहार भी लगाई, लेकिन हुआ कुछ नहीं। सुनवाई के नाम पर उसे बुलाया जाता है और फिर वापस कर दिया जाता। गुरुवार को भी पेंशन की अर्जी की सुनवाई थी। इसके लिए उसे यहां लाया था। गरीबी के कारण कोई गाड़ी किराया पर लेना मुश्किल है। उसे पीठ पर लाद कर यहां तक लाने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं था। उसने हाकिमों के समक्ष पूरी बात रखी है, फिर भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।