निगरानी के हत्थे चढ़ा करोड़पति डीसीओ
गुरुवार को एक और जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) 50 हजार रिश्वत लेते निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के हत्थे चढ़ गया।
मुजफ्फरपुर। गुरुवार को एक और जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) 50 हजार रिश्वत लेते निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के हत्थे चढ़ गया। मुजफ्फरपुर के डीसीओ श्रवण कुमार को निगरानी ब्यूरो की टीम ने उसके सरकारी आवास पर ही रंगे हाथों दबोच लिया। मुजफ्फरपुर में सिकंदरपुर स्थित डीसीओ के सरकारी आवास की तलाशी के दौरान एक कमरे में पड़े एक सूटकेस की जांच में तीन लाख, 53 हजार, 500 रुपये की नकदी के साथ-साथ दिल्ली, नोएडा, लखनऊ और पटना समेत सीतामढ़ी व मुजफ्फरपुर में जमीन के कई प्लॉट, मकान और फ्लैट के कागजात बरामद हुए। इसके अलावा कई बैंकों के पासबुक, एटीएम कार्ड, फिक्स डिपॉजिट, बांड समेत कई तरह के कागजात मिले है। इसके बाद निगरानी की तीन अलग-अलग टीम ने डीसीओ श्रवण कुमार के सीतामढ़ी और पटना के साथ उनके कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। बता दें कि पिछले ढाई महीने के अंदर श्रवण कुमार निगरानी के हत्थे चढ़ने वाले तीसरे जिला सहकारिता पदाधिकारी हैं। इससे पहले नवादा के डीसीओ विक्रम कुमार झा और पटना के डीसीओ पंकज झा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया जा चुका है। आरोपी श्रवण कुमार, सहकारिता पदाधिकारी के साथ संयुक्त निबंधक सहयोग समितियां, तिरहुत प्रमंडल समेत कई विभागों के प्रभार में थे। दबोचे गए घूसखोर पदाधिकारी की पत्नी इला इसर वर्तमान में सीतामढ़ी मंडल कारा की अधीक्षक हैं।
राइस मिल के बिल के भुगतान के लिए ले रहा था रिश्वत
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार परिवादी रक्सा के पैक्स अध्यक्ष शक्ति सुमन उर्फ मुन्ना यादव ने ब्यूरो में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि डीसीओ श्रवण कुमार उनके राइस मिल सह गैसीफायर प्लांट के बकाए तीन लाख, 57 हजार, 999 रुपये के बिल के भुगतान के एवज में 50 हजार की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। शिकायत के सत्यापन के बाद निगरानी ब्यूरो ने डीएसपी पीएन सिंह के नेतृत्व में एक धावादल का गठन कर उसे मुजफ्फरपुर के लिए रवाना किया था। फिलहाल गिरफ्तार डीसीओ से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद उसे मुजफ्फरपुर में निगरानी की विशेष अदालत में शुक्रवार को पेश किया जाएगा।