दो और अल्ट्रासाउंड सेंटरों में मिलीं गड़बड़ियां
सिविल सर्जन डॉ. ललिता सिंह के निर्देश पर गठित जांच टीम ने शुक्रवार को गोशाला रोड स्थित दो अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जाच की।
मुजफ्फरपुर। सिविल सर्जन डॉ. ललिता सिंह के निर्देश पर गठित जांच टीम ने शुक्रवार को गोशाला रोड स्थित दो अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जाच की। इस दौरान मिली गड़बड़ियों के मद्देनजर उनसे स्पष्टीकरण पूछते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी। गोशाला रोड स्थित एक अस्पताल में जांच के दौरान नया रजिस्ट्रेशन पाया गया, जिसे देखते हुए अल्ट्रासाउंड संचालक को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के प्रावधान की जानकारी दी गई। पेयजल, शौचालय, बड़ा स्पेस आदि रखने की हिदायत दी गई।
वहीं, एक अन्य हॉस्पीटल में जांच के दौरान उक्त अधिनियम की अधिकांश धाराओं में उल्लंघन पाया गया। ओपीडी रजिस्टर प्रॉपर फॉर्मेट में नहीं था। हॉस्पीटल में ¨लग चयन प्रतिषेध अधिनियम (पीसी एंड पीएनडीटी) 1994 की किताब नहीं पाई गई। प्रपत्र-एफ में भी गड़बड़ी मिली। समर्पण की कार्यालय प्रति भी नहीं दिखा पाए। वहां मौजूद डॉक्टर के पास एप्रॉन नहीं था। जांच अधिकारियों ने मशीन इंस्टालेशन का स्वीकृति-पत्र मांगा तो वे नहीं दिखला पाए।
जांच टीम में डॉ. अंजुम आरा, डॉ. हसीब असगर, डॉ. एसएन चौधरी व प्रधान लिपिक गुणानंद चौधरी थे। टीम से मिली रिपोर्ट के बाद सीएस ने बताया कि जांच के दौरान अल्ट्रासाउंड सेंटरों में कमिया मिली हैं। इस संबंध में उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। इसके बाद कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी।
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अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कसेगा शिकंजा
बिना रजिस्ट्रेशन या फिर अवैध गतिविधि मिलने पर पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत संबंधित सेंटरों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है। केंद्रीय टीम द्वारा शहर के विभिन्न अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर छापेमारी के दौरान मिली गड़बड़ियों के बाद शुक्रवार को सिविल सर्जन की ओर से सदर अस्पताल में बैठक बुलाई गई। इसमें जिले के विभिन्न अल्ट्रासाउंड सेंटरों को एक मोहलत देने का निर्णय लिया गया, ताकि वे गड़बड़ियां दूर कर लें। अन्यथा इसके बाद कभी भी निरीक्षण के दौरान संचालकों को कोई अवसर नहीं दिया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यहां तक कि उनका लाइसेंस रद भी किया जा सकता है उन्हें जेल जाने की नौबत भी आ सकती है।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. ललिता सिंह के अलावा एसीएमओ डॉ. सुधा श्रीवास्तव, डॉ. अंजुम आरा, वरीय अधिवक्ता डॉ. संगीता शाही, डॉ. एसएन चौधरी, डॉ. हसीब असगर आदि थे।