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गंडक में विलीन हुई सैकड़ों एकड़ जमीन

मुजफ्फरपुर। साहेबगंज प्रखंड की बंगरा निजामत पंचायत स्थित गंडक में कटाव से सैकड़ों एकड़ जमीन न

By Edited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 02:49 AM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 02:49 AM (IST)
गंडक में विलीन हुई सैकड़ों एकड़ जमीन

मुजफ्फरपुर। साहेबगंज प्रखंड की बंगरा निजामत पंचायत स्थित गंडक में कटाव से सैकड़ों एकड़ जमीन नदी में विलीन हो गई है। किसानों की पीड़ा पर जल संसाधन विभाग द्वारा बचाव कार्य चलाया जा रहा है और बोरे में मिट्टी डालकर कटाव रोकने का प्रयास किया जा रहा है। मौजूदा स्थिति में बंगरा निजामत एवं विशुनपुर चकपहाड़ के बीच लगभग एक हजार एकड़ जमीन कटाव में कट चुकी है और आज भी कटाव का सिलसिला जारी है। महादलित टोला एवं गाछी टोला की आबादी फिलहाल कटाव की चपेट में है। बता दें कि पूर्व के कटाव से लगभग पांच गांवों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। बंगरा गाई टोला, महादलित बस्ती, पहाड़पुर अहलाद गांव जहां स्थित था आज वहां नदी की मुख्य धारा बह रही है। वहीं, कटाव से विस्थापित लगभग 80 महादलित परिवारों का आज तक पुनर्वास नहीं हो सका। सभी विस्थापित परिवार फिलहाल मनाइन बाया नदी किनारे स्थित श्मशान घाट में रह रहे हैं। पूर्व मुखिया हरेंद्र सिंह, चंद्रमाधव सिंह, किसान रामेश्वर सिंह, रामएकबाल सिंह, जयमंगल सिंह, गोपाल सिंह, शिवशंकर यादव ने बताया कि हजारों हेक्टेयर में लगाई गई धान एवं ईख की फसल बाढ़ के कारण नष्ट हो गई तथा बची कुछ फसल सुखाड़ के कारण खेत में ही सूख गई जिसे किसान काट कर मवेशियों को खिला रहे हैं। किसान प्रभात कुमार सिंह, सरोज कुमार पंडा, मंटू तिवारी ने बताया कि खेतों में दरार के कारण बाढ़ से बची फसल सुखाड़ की शिकार हो गई। मजबूर किसान बचे धान एवं ईख की फसल को काटकर मवेशियों को खिला रहे हैं। किसानों की मानें तो वे अब निराश व लाचार हो चुके हैं जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पूर्व मुखिया ने सरकार से किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।


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