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पूर्व मेयर हत्याकांड: दिवंगत की पत्नी उपवास पर, पप्पू बोले- हत्यारों को बचा रही सरकार

समीर हत्याकांड में अबतक पुलिस की जांच से परिजन संतुष्ट नही है, पूर्व मेयर की पत्नी ने कहा हत्या की सीबीआइ जांच शुरू नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट तक न्याय के लिए जाऊंगी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 01:42 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 05:50 PM (IST)
पूर्व मेयर हत्याकांड: दिवंगत की पत्नी उपवास पर, पप्पू बोले- हत्यारों को बचा रही सरकार
पूर्व मेयर हत्याकांड: दिवंगत की पत्नी उपवास पर, पप्पू बोले- हत्यारों को बचा रही सरकार

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जाप के संरक्षक सह सांसद पप्पू यादव ने कहा कि पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड की सीबीआइ जांच हो। उन्होंने कहा कि समीर कुमार के परिजन के साथ वे हमेशा खड़े हैं और न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखेंगे। हत्याकांड की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर दिवंगत समीर कुमार की पत्‍नी वर्षा रानी शुक्रवार को समाहरणालय में उपवास पर बैठीं। उन्‍हीं के समर्थन में पप्‍पू यादव वहां पहुंचे थे। जाप संरक्षक ने कहा कि मुजफ्फरपुर की तत्कालीन एसएसपी हरप्रीत कौर को साजिश के तहत यहां से हटाया गया था, ताकि समीर कुमार के मुख्य हत्यारों को बचाया जा सके।
उन्‍होंने कहा कि वे राजनीति करने नहीं, बल्कि दिवंगत के परिजन को न्याय दिलाने आया हूं। उन्होंने जिले में सक्रिय भूमि माफियाओं पर सवाल उठाया। परिवार वाले समीर हत्याकांड में अब तक हुई पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है। बता दें कि उपवास समीर फाउंडेशन के बैनर तले किया जा रहा है। उपवास पर समीर कुमार की पत्नी वर्षा रानी के अलावा बेटा तुषाल सहित उनके परिवार के कई सदस्य व समर्थक बैठे हुए हैं।

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पूर्व मेयर की पत्नी वर्षा रानी ने कई सवाल उठाए हैं, जिसमें कहा है कि पति की हत्या के बाद उनके ऑर्नामेंट गायब हैं। पुलिस ने आज तक ऑर्नामेंट की तलाश नहीं की। पुलिस जब ऑर्नामेंट नहीं खोज सकी तो एके 47 क्या खोजेगी। कहा कि हत्या की सीबीआइ जांच शुरू नहीं हुई तो हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक न्याय के लिए जाऊंगी। उपवास पर बैठे समीर के परिजन को समर्थन करने एमडीडीएम कॉलेज की प्राचार्या डाॅक्टर ममता रानी भी पहुंची और उन्होंने भी सीबीआइ जांच की मांग की। उपवास स्थल पर कई महिलाएं भी मौजूद हैं। 

पूर्व मेयर के परिजन का सवाल जायज: एसएसपी 
एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि पूर्व मेयर के परिजन का सवाल जायज है,  किंतु परिजन पुलिस को मदद भी करें। अभी तक किसी परिजन ने लिखित या मौखिक कोई बयान या प्रमाण किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ नहीं दिया है। मामले में सात अभियुक्तों को पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी है। अभी भी मामले का अनुसंधान एसआईटी की ओर से जारी है।


 


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