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एसकेएमसीएच के 22 छात्रों पर प्राथमिकी, बंद हुआ 'दाना-पानी'

एसकेएमसीएच में हुए बवाल के तीसरे दिन भी तनाव की स्थिति रही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:50 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:50 AM (IST)
एसकेएमसीएच के 22 छात्रों पर प्राथमिकी, बंद हुआ 'दाना-पानी'
एसकेएमसीएच के 22 छात्रों पर प्राथमिकी, बंद हुआ 'दाना-पानी'

मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच में हुए बवाल के तीसरे दिन रविवार को भी तनाव की स्थिति रही। पूरे परिसर में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। मारपीट में गंभीर रूप से घायल संजय सहनी उर्फ हनुमान को उच्च इलाज के लिए परिजन पटना ले गए। उसके परिजन ने 22 मेडिकल छात्रों के खिलाफ अहियापुर थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। दूसरी ओर, घटना से आक्रोशित आसपास के दुकानदारों ने मेस के लिए राशन देने से मना कर दिया है। इससे मेडिकल छात्रों के सामने भोजन की समस्या खड़ी हो गई। हालांकि सूचना मिलने के बाद वरीय चिकित्सकों ने बाहर से राशन व अन्य जरूरी सामान की व्यवस्था हॉस्टल के छात्रों के लिए की। शाम में मेडिकल छात्रों व ग्रामीणों ने अलग-अलग बैठक की। दोनों तरफ से अब भी तनाव व्याप्त है। पूरे मामले का जांच अधिकारी अहियापुर थाने के दारोगा सत्येंद्र कुमार मांझी को बनाया गया है।

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सीसी कैमरे का फुटेज खंगाला

मामले की जांच के लिए डीएसपी आशीष आनंद व एसडीओ पूर्वी सुनील कुमार अपराह्न करीब तीन बजे एसकेएमसीएच पहुंचे। वह तीन घंटे तक रहे और वहां की स्थिति देखी। उन्होंने इमरजेंसी व उसके बाहर के सीसी कैमरे का फुटेज मांगा। सीसी कैमरे के संचालक को हिदायत दी गई कि अगर उसने फुटेज देने में आनाकानी की तो एक्शन होगा। इमरजेंसी के अंदर के सीसी कैमरे के फुटेज को खंगाला गया। साथ ही अस्पताल परिसर में जगह-जगह दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के साथ फोर्स को तैनात किया गया है। ये सभी आने-जाने वालों पर नजर रख रहे हैं। किसी संदिग्ध के दिखने पर उनसे पूछताछ कर रहे हैं।

अस्पताल में लगे कई बैरियर :

एसकेएमसीएच के मुख्य द्वार से लेकर दर्जनभर जगहों पर बांस के बैरियर लगाए गए हैं। अस्पताल के मुख्य द्वार से प्रवेश करने वालों की रजिस्ट्रर में इंट्री की तैयारी की गई है। सोमवार से इसमें इंट्री होगी। वहीं मरीज पहुंचने के बाद तत्काल वाहनों को परिसर से बाहर ले जाना होगा।

मेडिकल छात्रों को भोजन संकट

मेस बंद होने से भोजन का संकट उत्पन्न हो सकता है। तत्काल दो दिनों से परिसर से अतिक्रमण हटने के बाद जगह-जगह बनीं अवैध दुकानें बंद हो गई हैं। इससे चाय व नाश्ता के लिए मरीज व परिजन भटकते रहे। वहीं बाहर दुकानों में मेडिकल छात्रों को सेवा मिलनी मुश्किल है। इन दुकानदारों के साथ किए गए व्यवहार एवं स्थानीय चार युवकों को जेल भेजने से लोगों में आक्रोश है।

मेस संचालक को खाद्य सामान देने से इन्कार कर दिया गया है। दुकानदारों का कहना है कि रात-दिन हम लोग मेडिकल छात्रों का सहयोग करते हैं। उलटे आसपास के ग्रामीणों व दुकानदारों पर लाठी व हॉकी स्टीक बरसाते हैं। यह सब नहीं चलेगा। दुकानदारों ने हनुमान की बेरहमी से पिटाई का हवाला देकर सबको वापस किया।

इनको किया नामजद

डॉ. नितेश कुमार, डॉ. अमित कुमार, डॉ. संजेश मणि, डॉ. सकीउल रहमान कनीय चिकित्सक, डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. रोहित सिंह, डॉ. सिसोदिया, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. रवि गुप्ता, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. निकेश कुमार सिंह, डॉ. विजय कुमार, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. मिथुन कुमार, डॉ. कृष्ण सिंह, डॉ. अंकित कुमार, राजीव कुमार, डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. हर्ष कुमार, डॉ. विनोद कुमार एवं डॉ. रामचंद्र कुमार को नामजद किया गया है। इसके अलावा 100 अज्ञात छात्रों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ है।


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