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माता-पिता की देखभाल स्वयं करें

कथैया थाना क्षेत्र के हरपुर गांव स्थित देवी स्थान परिसर में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचिका सुश्री सुरक्षा आचार्य ने कहा कि कथाकार, पत्रकार और कलाकार सत्य को उजागर करने वाले तीन जिम्मेदार लेाग हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 12:54 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 12:54 AM (IST)
माता-पिता की देखभाल स्वयं करें
माता-पिता की देखभाल स्वयं करें

मुजफ्फरपुर। कथैया थाना क्षेत्र के हरपुर गांव स्थित देवी स्थान परिसर में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचिका सुश्री सुरक्षा आचार्य ने कहा कि कथाकार, पत्रकार और कलाकार सत्य को उजागर करने वाले तीन जिम्मेदार लेाग हैं। एक अपनी कथा के माध्यम से तो दूसरा अपनी कला से और पत्रकार सत्य की खोज कर समाज को नई दिशा प्रदान करने का जोखिम भरा काम करते हैं। कथा समागम मे ंउपस्थित श्रोताओं को उनके दायित्व और कर्तव्यों का बोध कराया। सुश्री आचार्या ने कहा कि संतान के निर्माण में पहला स्थान मां, दूसरा पिता और तीसरा गुरु का होता है। माता सात साल तक बच्चों को देखती है। इसके बाद पिता 60 वर्ष की उम्र तक संतान को ज्ञान देते हेैं, परन्तु गुरु सात जन्मों ंतक शिक्षा देते रहते हैं। हमें कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे हमारे माता-पिता को कष्ट पहुंचे। कहा कि भले ही तुम अन्य काम के लिए नौकर रख लेना, परन्तु माता- पिता की देखभाल स्वयं करना। क्योंकि अन्य काम जैसे नौकरों ंसे कराते हों परन्तु तिजोरी की रक्षा तो तुम स्वयं करते हो। कथा के दौरान कपिल देवहुति, सति चरित्र, धु्रव चरित्र सहित अन्य प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जानकारी हो कि इस कार्यक्रम का आयोजन माता महारानी नवयुवक समिति द्वारा किया जा रहा है।


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