शरीअत को मानना इबादत, इसमें कामयाब जिंदगी का तरीका
शरीअत में कामयाब जिंदगी जीने का तरीका बताया गया है।
मुजफ्फरपुर । शरीअत में कामयाब जिंदगी जीने का तरीका बताया गया है। मर्द, औरत सब के हकों की हिफाजत की गई है। जानकारी नहीं होने से लोग इसकी अच्छाई से दूर हैं और समाज में भ्रम का माहौल बनता जा रहा है। माड़ीपुर में मुस्लिम पर्सनल लॉ बेदारी मुहिम के आगाज के मौके पर सर्जन डॉ. महमूदुल हसन ने ये बातें कहीं। कहा कि शरीअत को दिल से मानना व उस पर चल कर जिंदगी गुजारना इबादत है। शरीअत में किसी की हकमारी नहीं की गई है, मगर अफसोस है कि मुस्लिम समाज के भी अधिकतर लोग इससे अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं। इसकी वजह से शरीअत को लेकर भ्रम का माहौल बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि शरीअत में हर मसले का हल है। उन्होंने कहा कि कोर्ट से बचना चाहिए। दारुल कजा में मामले का निपटारा करें। शरीअत के अनुसार किए गए फैसले में किसी की हकमारी नहीं होती। तलाक के मामले में बड़ी गलतफहमी पाई जाती है। वह समझते हैं और उन्हें समझाया जाता है कि जब तक तीन तलाक नहीं दी जाएगी, तब तक तलाक वाकेय नहीं होगी। इस गलतफहमी को दूर करने की जरूरत है। नुरुल्लाह खां ने कहा कि जब तक शरीअत की सही जानकारी लोगों को नहीं होगी, इसे लेकर भ्रम दूर नहीं होगा।