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बड़ा खुलासा: बिहार में विधायक भी नक्सलियों को देते रहे हैं लेवी

बिहार में केवल व्यवसायी ही नहीं, बल्कि उघोगपति, डॉक्टर के साथ-साथ सांसद और विधायकों से भी नक्सली लेवी वसूलते हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 17 May 2017 07:47 PM (IST)Updated: Wed, 17 May 2017 10:56 PM (IST)
बड़ा खुलासा: बिहार में विधायक भी नक्सलियों को देते रहे हैं लेवी
बड़ा खुलासा: बिहार में विधायक भी नक्सलियों को देते रहे हैं लेवी

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के गिरफ्तार कथित जोनल कमांडर मुसाफिर सहनी की मानें तो बिहार में व्यवसायियों, उद्योपतियों, ठेकेदारों व डॉक्टरों आदि के अलावा विधायक-सांसद भी लेवी देते रहे हैं। उसके अनुसार कम-से-कम 25 निर्वाचित जनप्रतिनिधि नक्सलियों को लेवी देते रहे हैं। 

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हाल ही मेंं एक विधायक ने 5 लाख रुपये लेवी दी थी। इनमें एक विधायक की निर्माण कंपनी है जो रेलवे के दोहरीकरण व नई रेल लाइन निर्माण में जुटी है। लेवी से वसूले गए दस करोड़ रुपये उसने वैशाली व देश के अन्य भागों में रियल एस्टेट में निवेश कर रखा है।

मुसाफिर ने पुलिस के समक्ष यह बयान दिया है कि उसे लेवी देने वालों में उद्योगपति, ठेकेदार व व्यवसायी भी शामिल हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।  

परिजनों के नाम से भी खरीदी जमीन

संगठन के नाम पर वसूली गई लेवी से मुसाफिर अपने व परिजन के नाम जमीन खरीद रखी है। यह जमीन उसने वैशाली व अन्य स्थानों पर खरीद की है। वैशाली जिले के सदर थाना क्षेत्र में उसने दो कट्ठा जमीन खरीदा है।जमीन लेवी के रुपये से खरीदी गई है। इसी तरह पत्नी, बेटा व पतोहू के नाम से भी जमीन खरीदा है। 

मुसाफिर के पास मिले संगठन के कई हाईलेवल पत्र

पुलिस गिरफ्त में आए मुसाफिर के पास से कई आपत्तिजनक पत्र मिले हैं। यह पत्र उसे संगठन के कई शीर्ष कमांडर की ओर से भेजे गए हैं। इससे जाहिर होता है कि संगठन में उसका काफी महत्वपूर्ण स्थान था। 1989 से संगठन से जुड़ा मुसाफिर सेंट्रल कमेटी का मेंबर है।

उसके पास से लेवी वसूली के लिए रसीद भी मिली है। हालांकि, यह रसीद दलित-शोषित संघर्ष मोर्चा के नाम से है, ताकि किसी को संदेह न हो। उसके पास से एक आमंत्रण पत्र भी मिला है। यह आमंत्रण पत्र 30 मई के बीबी कॉलेजिएट परिसर के किसी आयोजन का है। इसमें उसे भी आमंत्रित किया गया था।

दो साल से पुलिस को चकमा दे रहा था मुसाफिर

दो साल पहले जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल मुसाफिर सहनी हर बार पुलिस घेराबंदी से फरार हो जाता था। आखिर 11 मई की रात सकरा थाना क्षेत्र के रामनगर गांव से उसे दो साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया। उसके पास से बड़ी संख्या में हथियार मिले हैं। वैसे अब भी उसके पास एके-47 जैसे घातक हथियार हैं, जिसे पुलिस बरामद नहीं कर पाई है।

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प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के एसएसी मेंबर व रीजनल कमेटी के सचिव पद पर कार्यरत मुसाफिर की गिनती संगठन के शीर्ष नेताओं में रही है। उसका पुत्र रोहित व पतोहू भारती भी संगठन से जुड़ी हैं। फिलहाल दोनों जेल में बंद हैं। हालांकि, लेवी की राशि को लेकर पुत्र से अनबन चल रहा है।  

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