व्यवस्था का दर्द खींच लाता जनता दरबार
मुजफ्फरपुर : किसी अन्याय को लेकर पीड़ितों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी सभी अधिकारियों को दी गई है।
मुजफ्फरपुर : किसी अन्याय को लेकर पीड़ितों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी सभी अधिकारियों को दी गई है। मगर, निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा मामले का संज्ञान नहीं लेने पर पीड़ितों को वरीय अधिकारियों के जनता दरबार में आना पड़ रहा। शुक्रवार को प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद के जनता दरबार में ऐसे कई मामले आए जिसमें प्रखंड, अनुमंडल व जिला स्तर पर कार्रवाई नहीं की गई।
दोषी से न तो राशि
ली और न प्राथमिकी
आयुक्त के जनता दरबार में आज करीब एक दर्जन शिकायतें आई। सेवानिवृत्त शिक्षक मोहन प्रसाद सिन्हा ने शिकायत की कि सरैया के स्कूल मध्य विद्यालय, मनिकपुर के एक शिक्षक लखिंद्र सिंह ने वरीय अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से प्रोन्नति पा ली। इसके बाद वर्ष 1993 से 2005 तक बढ़ा हुआ वेतन भी पाया। मामले की जांच में इसकी पुष्टि भी हुई। मगर, न तो राशि की वसूली हुई और न उक्त शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई। जबकि डीपीओ स्थापना ने एक लाख 28 हजार 686 रुपये जमा करने के लिए कई बार पत्र भी लिखा।
तीन छात्र उपस्थित, उपस्थिति
पंजी में खाना 383 का
उक्त शिक्षक ने मध्य विद्यालय, मड़वन को लेकर भी शिकायत की। इसमें कहा गया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी की जांच में यह बात सामने आई थी कि विद्यालय में 10 अगस्त 2015 को मात्र 38 छात्र ही उपस्थित थे। मगर, उस दिन रजिस्टर पर 389 बच्चों का खाना बना था। मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई का आदेश दिया गया। मगर, अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। साथ ही मध्याह्न भोजन में लूट बदस्तूर जारी है।
थोड़ी जमीन बेची मगर पूरे
पर किया जा रहा कब्जा
अहियापुर थाना के शेखपुर गांव के राजेंद्र राय ने शिकायत की कि छह कट्ठा जमीन में से उसके पिता ने दो कट्ठा बेची थी। मगर, अब उसे पूरी जमीन से बेदखल किया जा रहा। वहां निर्माण कार्य कराया जा रहा। मामले की थाने में शिकायत करने पर भी थानाध्यक्ष की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस पर उन्होंने दबंगों का ही साथ देने का आरोप लगाया।
बंदोबस्ती के बाद भी परेशानी
सरैया के गोरीगामाडीह निवासी रघुनाथ साह ने आवेदन दिया कि उसके पिता के नाम से सात कट्ठा जमीन बंदोबस्त की गई थी। मगर, उनके पड़ोसी उसे हड़पना चाह रहे। कर्मचारी का कागज दिखाने पर वे इसे सही तो ठहरा रहे। मगर, किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही।
बदला जनता दरबार का स्वरूप
मुजफ्फरपुर : आयुक्त के जनता दरबार के स्वरूप में थोड़ा परिवर्तन किया गया है। अब यहां आने वाले लोगों को एक आवेदन दिया जाएगा। इसमें उन्हें पूरी जानकारी देनी होगी। यह भी बताना होगा कि इससे पहले मामले की शिकायत कहां की गई थी। वहीं आवेदन स्वीकार करने के लिए काउंटर भी बनाया गया है। अब कार्यालय से प्रत्येक आवेदन को एक संख्या दी जाएगी। ताकि, इसका रिकॉर्ड रह सके। साथ ही सुनवाई को बाद सभी को अगली तिथि के बारे में भी बता दिया जाता है।