बच्चों की मौत में लापरवाही का 'वाइरस'
मुजफ्फरपुर : एईएस पीड़ित बच्चों का अस्पताल आना शुरू हो चुका है। मगर, इस बीमारी से बच्चों को बचाने के
मुजफ्फरपुर : एईएस पीड़ित बच्चों का अस्पताल आना शुरू हो चुका है। मगर, इस बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए जिस जागरुकता पंपलेट का वितरण किया जाना था वह हुआ ही नहीं। यही नहीं बैनर भी पिछले वर्ष का ही लगा हुआ पाया गया। जबकि अब तक जागरुकता को ही इस बीमारी से लड़ने का बड़ा हथियार माना गया है। इस लापरवाही को लेकर डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा ने सिविल सर्जन, जिला आपूर्ति पदाधिकारी व जिला स्थापना पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है।
डीपीआर की जांच में यह बात सामने आई कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पंपलेट का वितरण नहीं किया गया। इस कारण एईएस से संभावित प्रभावित होने वाले टोलों में इससे बचाव व सावधानियों के संबंध में कोई जागरुकता नहीं है। पीडीएस दुकानों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर बैनर नहीं लगाए गए हैं। कुछ केंद्रों पर पुराने व पिछले वर्ष के ही बैनर लगे मिले। आंगनबाड़ी केंद्रों पर व पीडीएस दुकानदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में एईएस से बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार करने व प्रभावित बच्चों को अतिशीघ्र पीएचसी या अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहनों की टैगिंग करने की भी जानकारी नहीं है। डीडीसी ने इसे डीएम के आदेश की अवहेलना बताते हुए तीनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण देने को कहा है। वहीं आगे भी जांच में किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर बच्चों की मौत के लिए सभी को जिम्मेदार मानते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
मालूम हो कि आशा व पोलियो टीम के माध्यम से चिह्नित परिवारों में पंपलेट का वितरण किया जाना था। वहीं सभी आंगनबाड़ी केंद्र व पीडीएस दुकानों पर बीमारी से बचाव संबंधी जागरुकता बैनर लगाया जाना था। साथ ही सेविका, सहायिका व पीडीएस दुकानदारों द्वारा प्रचार-प्रसार भी किया जाना था। साथ ही अस्पताल ले जाने वाले वाहनों को भी चिह्नित किया जाना था। मगर, ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।