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स्मार्ट मुजफ्फरपुर को बुद्धिजीवियों ने रखा छह सूत्री फार्मूला

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर शहर को स्मार्ट बनाने के लिए बुद्धिजीवियों ने छह सूत्री फार्मूला रखा है। इस

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 01:19 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 01:19 AM (IST)
स्मार्ट मुजफ्फरपुर को बुद्धिजीवियों ने रखा छह सूत्री फार्मूला

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर शहर को स्मार्ट बनाने के लिए बुद्धिजीवियों ने छह सूत्री फार्मूला रखा है। इस फार्मूले के तहत स्वच्छ, स्वस्थ, सुंदर, सुरक्षित, सुव्यवस्थित व सुविधा संपन्न शहर के निर्माण पर बल दिया। प्राथमिकता के आधार पर जाम, जलजमाव, जर्जर सड़क एवं जागरुकता की कमी को दूर करने में तत्परता दिखाने की बात कही गई।

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स्मार्ट सिटी टॉप-20 में मुजफ्फरपुर का स्थान पक्का करने के लिए नगर निगम की ओर से रविवार को द पार्क के सभागार में कैसा हो अपने सपनों का शहर विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें शहर के शिक्षाविदों, साहित्यकारों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं, अभियंताओं तथा सामाजिक, सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपने सुझाव दिए। किसी ने शहर की समस्याओं को गिनाया तो किसी ने उनको दूर करने के उपायों को सुझाया। किसी ने स्मार्ट सिटी की राह में लचर प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए तो किसी ने स्मार्ट सिटी बनाने से पहले शहरवासियों को स्मार्ट बनाने की बात कही। अध्यक्षता महापौर वर्षा सिंह व संचालन उपमहापौर सैयद माजिद हुसैन ने किया। नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने स्मार्ट सिटी के लिए निगम की ओर से की जा रही तैयारियों से लोगों को अवगत कराया तथा स्मार्ट सिटी का डीपीआर बना रही रहे आलिया के प्रोजेक्ट मैनेजर अमित चौधरी ने डीपीआर से अवगत कराया।

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विचारों के मंथन से निकला फार्मूला

बुद्धिजीवियों के विचारों के मंथन से शहर को स्मार्ट बनाने के लिए छह सूत्री फार्मूला निकलकर सामने आया जो इस प्रकार है : -

स्वच्छ शहर : सफाई व्यवस्था को दुरुस्त एवं कारगर बनाना होगा। समय पर कूड़ा का उठाव हो ओर सड़कों पर नियमित झाड़ू लगे, इसके लिए व्यवस्था को कारगर बनाना होगा। शहर से निकलने वाले कूड़े को सही तरीके से ठिकाना लगाना पड़ेगा। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था को और बेहतर बनाना होगा। सफाई पर निगरानी को अलग से समिति बनानी होगी।

स्वस्थ शहर : शहर साफ-सुथरा होगा तभी शहरवासी स्वस्थ होंगे। शहर के प्रदूषण का ग्राफ जिस तरह से बढ़ रहा है वह स्मार्ट सिटी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन सकता है। इसके लिए शहर में खुली की जगह बंद नालियों का निर्माण कराना होगा। मच्छरों को समाप्त करने के लिए विशेष योजना बनानी होगी।

सुंदर शहर : यदि शहर साफ-सुथरा होगा और शहरवासी स्वस्थ होंगे तभी शहर सुंदर होगा। सड़कों से अतिक्रमण हटाना होगा। पार्क एवं पोखरों का विकास करना होगा। फुटपाथ से लेकर स्लम क्षेत्रों को विकसित करना होगा। शहरवासियों को जागरूक करना होगा।

सुरक्षित शहर : शहर में कानून व्यवस्था को सख्त करना होगा। सार्वजनिक स्थलों एवं मुख्य मार्गों पर सीसीटीवी लगाने होंगे। स्मार्ट पुलिसिंग पर ध्यान देना होगा। कानून तोड़ने वालों को सख्त सजा देनी होगी। शहर को सेक्टरों में बांटकर नाका एवं थाना का निर्माण कराना होगा।

सुव्यवस्थित शहर : वर्तमान में शहर अव्यवस्थित है। बगैर किसी प्लान के सड़क, नाला एवं मकानों का निर्माण किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के लिए शहर को व्यवस्थित रूप से बसाना होगा। बिल्डिंग बाइलॉज का सख्ती से पालन करना होगा। मास्टर प्लान बनाकर विकास योजनाओं का कार्यान्वयन करना होगा। शहर के विकास से जुड़े सभी विभागों के बीच तालमेल बनाना होगा।

सुविधा संपन्न शहर : जबतक शहरवासियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलेंगी और शहर में जन सुविधाओं का विकास नहीं होगा स्मार्ट मुजफ्फरपुर की परिकल्पना साकार नहीं होगी। मनोरंजन के साधनों का विकास करना होगा। अधिक से अधिक पार्को का निर्माण करना होगा। खेल मैदानों की कमी दूर करनी होगी। चौबीसों घंटे शुद्ध पेयजल व बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।

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परिचर्चा में इन लोगों ने रखे अपने विचार

बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के पूर्व कुलपति डॉ. रिपुसूदन श्रीवास्तव, शिक्षाविद् डॉ. अरुण कुमार सिंह, एमएसकेबी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. निर्मला सिंह, एमडीडीएम कॉलेज की प्राचार्या डॉ. ममता रानी, वरीय चिकित्सक डॉ. कमलेश तिवारी, डॉ. बीबी ठाकुर, साहित्यकार डॉ. महेंद्र मधुकर, डॉ. रंगीला सिन्हा, नार्थ बिहार चेंबर ऑफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष कृष्ण मुरारी टिकमानी, रेडक्रास के सचिव उदय शंकर प्रसाद सिंह, जिला बार एसोसिशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता नवल किशोर सिन्हा, डॉ. शोभा रानी, डॉ. एके मिश्रा, डॉ. जलेश्वर प्रसाद, सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी प्रेमचंद बैठा, डॉ. राजीव भूषण, साहित्यकार संजय पंकज, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि की प्रतिनिधि अर्चना बहन, डॉ.केके कौशिक, कृष्ण मुरारी भरतीया, अभियंता विजय कुमार वर्मा, भरत अग्रवाल, पूर्व वार्ड पार्षद हरि ओम कुमार, समाजसेवी दीपक पोद्दार व रमेश गुप्ता शामिल रहे।

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बुद्धिजीवियों ने रखे ये सुझाव

- पूर्वी और पश्चिमी अनुमंडल कार्यालय को शहर की सीमा से बाहर ले जाया जाए।

- शहर के सीमावर्ती इलाकों का विकास किया जाए।

- हवा और पानी के शुद्धिकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

- शहर का विस्तार किया जाए एवं गांवों को सुविधा संपन्न बनाया जाए।

- सरकारी कार्यालयों को शहर के बाहर शिफ्ट किया जाए।

- आईटी कंट्रोल ट्रैफिक व्यवस्था लागू की जाए।

- आपातकालीन सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जाए।

- भवनों के निर्माण में बिल्डिंग बाइलॉज का कड़ाई से पालन हो।

- अतिक्रमण को सख्ती से हटाया जाए।

- शहर को हवाई यातायात से जोड़ा जाए।

- लोगों को ई-कार्ड के माध्यम से सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।

- पुलिस को स्मार्ट एवं थानों को आधुनिक सुविधाओं से लैश किया जाए।

- खुले में सामान बेचने वालों पर जुर्माना का प्रावधान किया जाए।

- सेंट्रलाइज वेपर सिस्टम का विकास किया जाए।

- शहर को सेक्टरों में बांट कर जन सुविधाओं का विकास किया जाए।

- शहर की चारों दिशाओं में बस स्टैंड का निर्माण हो।

- कोर्ट को शहर के बाहर स्थापित किया जाए।

- मुजफ्फरपुर को सांस्कृतिक शहर के रूप मे विकसित किया जाए।

- शहर के धरोहरों को संरक्षित किया जाए।

- सफाई को लेकर लोगों में प्रतिस्पर्धा आयोजित की जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

- नालियों की उड़ाही के तरीके में बदलाव लाया जाए। नाला का कीचड़ निकाल सड़क पर नहीं रखा जाए।

- पुराने शहर को व्यवस्थित किया जाए और न्यू मुजफ्फरपुर का प्लान विकसित किया जाए।

- अतिक्रमण करने वालों की शहरवासी खिलाफत करें और प्रशासन उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

- प्रशासनिक व्यवस्था को दुरूस्त किया जाए। विभागों के बीच तालमेल स्थापित किया जाए।

- बाजार एवं सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय का निर्माण कराया जाए एवं पेयजल एटीएम की स्थापना की जाए।

- शहर को आवारा पशुओं एवं मच्छरों से मुक्ति दिलाई जाए।

- मेडिकल वेस्टेज के निपटारे को इंसुलेटर लगाया जाए।

- शहर के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का विकास किया जाए।

- बीच सड़क पर बेकार खड़े बिजली एवं टेलीफोन खंभों को हटाया जाए।

- जीरोमाइल चौक से सिकंदरपुर तक चौड़ी सड़क का निर्माण कराया जाए।


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