सिंडिकेट की बैठक आज, विवाद पर बवंडर तय
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में चल रहे राजनीतिक विवाद का मामला सिंडिकेट में उठने की पूरी
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में चल रहे राजनीतिक विवाद का मामला सिंडिकेट में उठने की पूरी संभावना है। राज्यपाल से अनियमितता की शिकायत और इसके आलोक में राजभवन की ओर से विवि से जवाब मांगे जाने से से यहां की राजनीति गरमा गई है। नगर विधायक सुरेश शर्मा ने विवि में अनियमितता की शिकायत की थी, जिस पर राजभवन ने कुलपति से जवाब मांगा है। राजभवन से पत्र आने के बाद विवि के अधिकारियों ने नगर विधायक के खिलाफ गोलबंदी व बयानबाजी तेज कर दी है। सोमवार को होने वाली सिंडिकेट की बैठक में यह मामला जोर-शोर से उठने की संभावना है।
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विधायक बताएं, प्राचार्य के स्थानांतरण में कैसे चला पैसे का खेल
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को नवनियुक्त प्रधानाचार्य संघ की बैठक हुई। इसमें नगर विधायक के बयान की निंदा की गई। कहा गया कि नगर विधायक के आरोप निराधार हैं। विधायक को स्पष्ट करना होगा कि प्राचार्यों के स्थानांतरण में पैसे का खेल चला है। शिकायत करने से पहले विधायक को अपने तरीके से छानबीन करनी चाहिए। शिक्षकों पर गड़बड़ी का आरोप लगाना चिंतनीय है। बैठक में मुख्य रूप से डॉ. नरेंद्र नारायण सिंह, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. ओमप्रकाश सिंह, डॉ. संजय, डॉ. उपेंद्र कुंवर, डॉ. रामनरेश कुमार, डॉ. राम प्रताप नीरज, डॉ. ओमप्रकाश राय, डॉ. ममता रानी, डॉ. मनोज कुमार आदि थे।
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भ्रष्टाचार में डूबा विवि : भाजपा
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है। नगर विधायक सुरेश कुमार शर्मा पर आपत्तिजनक बयान देने के विरुद्ध जिला परिषद मार्केट में शनिवार को भाजपा आईटी सेल की हुई बैठक में ये बातें कही गई। सेल के प्रदेश संयोजक संजीव कुमार सिंह ने कहा कि विवि के ऐसे अधिकारी जो खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं वे नैतिकता की सलाह नहीं दे सकते। विवि के विकास अधिकारी डॉ. कल्याण कुमार झा खुद कम्प्यूटर स्कैंडल में फंसे हैं, दूरस्थ शिक्षा केंद्र के प्रशासनिक अधिकारी ललन कुमार की बहाली ही संदेहास्पद है। किरानी के पे स्केल का पोस्ट है और रीडर के समकक्ष वेतन ले रहे हैं। लाइब्रेरियन डॉ. के.के. चौधरी का मनोनयन जूनियर को सीनियर बनाकर किया गया है। विवि के प्रॉक्टर पार्ट वन के मूल्यांकन प्रभारी हैं। अभी भी 4 हजार से अधिक रिजल्ट पेंडिंग हैं। रजिस्ट्रार पार्ट टू के मूल्यांकन प्रभारी हैं लेकिन 20 हजार रिजल्ट पेंडिंग हैं। कई ऐसे अधिकारी हैं जिनकी बहाली बिना विज्ञापन के हुई है। इतने भ्रष्टाचार के बाद कोई जनप्रतिनिधि जांच की मांग करता है तो विवि अधिकारी जांच के डर से अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। बैठक में महामंत्री नीतेश वर्मा, उदयशंकर नन्हे, धीरज कुमार, छेदी गुप्ता, राकेश चंद्र सम्राट, अर्चना राय, रौशन कुमार, साकेत कुमार, संजीव कर्ण, उदय चौधरी, पंकज झा, पुष्पा सिंह भी थे। उधर, ब्रह्मार्षि कल्याण परिषद के अध्यक्ष राम किशोर सिंह ने कहा कि विधायक पर आरोप लगाना निंदनीय है। प्रोफेसर पहले खुद शिष्टाचार का पालन करें।