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जेल व सीआरपीएफ कैंप पर नक्सली खतरा बरकरार

मुजफ्फरपुर : सीआरपीएफ कैंप से लेकर जेल अब भी नक्सलियों के निशाने पर हैं। जेल को उड़ाने की साजिश का खत

By Edited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 12:55 AM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 12:55 AM (IST)
जेल व सीआरपीएफ कैंप पर नक्सली खतरा बरकरार

मुजफ्फरपुर : सीआरपीएफ कैंप से लेकर जेल अब भी नक्सलियों के निशाने पर हैं। जेल को उड़ाने की साजिश का खतरा बरकरार है। खुफिया विभाग ने इसको लेकर जिला प्रशासन को अलर्ट भी किया था।

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नक्सलियों का प्रभाव वाला क्षेत्र : सीआरपीएफ कैंप के आसपास का इलाका नक्सलियों के प्रभाव वाला माना जाता है। इसके आसपास का इलाका मीनापुर, बोचहां, औराई, हथौड़ी व कांटी थाना क्षेत्र है जहा अक्सर नक्सली वारदात होती रहती है। खास बात यह कि नक्सलियों का सशस्त्र दस्ता सीआरपीएफ कैंप को अपने अभियान में सबसे बड़ा बाधक मानता है।

चलाया था भर्ती अभियान : तीन साल पहले नक्सली संगठनों ने झपहां के आसपास के क्षेत्रों में कैडरों की भर्ती का अभियान चलाया था और इसके लिए पर्चा चस्पा कर युवकों से अपील भी की थी। सीतामढ़ी-शिवहर के कई हार्डकोर नक्सलियों के सीआरपीएफ कैंप के आसपास जमीन खरीदने की बात भी सामने आई थी। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। हाल में सीआरपीएफ कैंप के निकट सिमराहां चतुर्भुज गांव में लेवी नहीं देने पर एक ईट-भट्ठे पर हमला कर नक्सलियों ने वहां जेसीबी व ट्रैक्टर को जला दिया था।

नक्सल विरोधी अभियान में शामिल रहे हैं कैंप के जवान : झपहां सीआरपीएफ कैंप के अधिकारी व जवान नक्सल विरोधी कार्रवाई में शामिल रहे हैं। पूर्वी चंपारण के तेतरिया थाना क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में इस कैंप के जवान व अधिकारी शहीद हुए थे।

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इनसेट : धमकी को गंभीर नहीं मानती पुलिस

मुजफ्फरपुर : मोबाइल फोन से सीआरपीएफ कैंप को उड़ाने की धमकी को पुलिस गंभीर नहीं मान रही है। अब तक की जांच में उसे यह किसी सिरफिरे की ही करतूत लग रही है। यही कारण है कि सीआरपीएफ के पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय की ओर से भेजे गए आवेदन के आलोक में अहियापुर थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कर मात्र सनहा दर्ज किया है। अहियापुर थाना को यह पत्र 27 अगस्त को ही मिला था। इसमें उन दो मोबाइल नंबर का भी जिक्र किया गया था जिससे यह कॉल किया गया। इस नंबर पर जब पूछताछ की गई तो दोनों ने अपने को खरौना गांव का निवासी बताया। पुलिस को संदेह है कि सीआरपीएफ कैंप से बाहर निकलने वाले जवानों की गतिविधियों व आचरण को लेकर स्थानीय कुछ लोग परेशान हों और ऐसे ही लोगों में कोई अपने गुस्से का इस तरह इजहार कर रहा हो। वैसे पूर्व में घटी कुछ घटनाओं को लेकर पुलिस सतर्क भी है। अहियापुर थानाध्यक्ष चितरंजन ठाकुर ने बताया कि मामला साधारण है। अब तक कोई गंभीर बात सामने नहीं आई है। वैसे सनहा दर्ज कर जांच की जा रही है।


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