स्मार्ट सिटी में समस्याओं का स्मार्ट समाधान
मुजफ्फरपुर : समस्याओं के समाधान के लिए अभी आपको दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता है। कई दिनों तक काम से छ
मुजफ्फरपुर : समस्याओं के समाधान के लिए अभी आपको दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता है। कई दिनों तक काम से छुट्टी लेनी पड़ती है या फिर कार्यालय या दुकान बंद करनी पड़ती है। कभी-कभी तो समस्या समाधान के लिए कार्यालयों की दौड़ लगाते-लगाते आपकी चप्पलें घिस जाती हैं, बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाता। लेकिन स्मार्ट सिटी में इससे मुक्ति मिलेगी। समस्याओं का स्मार्ट सॉल्यूशन होगा। समस्याओं का समाधान ऑनलाइन ही उपलब्ध होगा। जन सूचनाएं और जनता से जुड़ीं दिक्कतों का समाधान ऑनलाइन ही उपलब्ध होगा। ई-गवर्नेंस और नागरिक सेवाओं की ऑनलाइन व्यवस्था सरकारी एवं गैरसरकारी दफ्तरों में बहाल होगी। इसके अलावा स्मार्ट सिटी में इलेक्ट्रॉनिक सर्विस डिलीवरी की भी व्यवस्था होगी, जिससे शहरवासियों को किसी भी सेवा का तुरंत लाभ मिलेगा।
स्मार्ट सिटी में हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाएगा लेकिन इससे लोगों की भूमिका समाप्त नहीं होगी। बल्कि और बढ़ जाएगी। यहां के लोग शहर की आंख और कान होंगे ताकि किसी अपराध या जनता से जुड़ी समस्याओं का तुरंत निपटारा किया जा सके।
मुख्य रूप से विधि व्यवस्था बहाल रखने एवं अपराध पर नियंत्रण के लिए वीडियो क्राइम मॉनीट¨रग व्यवस्था लागू की जाएगी। इस व्यवस्था के तहत क्राइम को रोकने के साथ तुरंत न्याय मिल सकेगा। लेकिन यह तभी होगा, जब आम लोग सक्रिय होंगे और किसी भी प्रकार की सूचना तत्काल संबंधित विभाग या अधिकारी तक पहुंच सके। लेकिन यह तमाम व्यवस्था तभी सफल होगी, जब शहरवासी भी स्मार्ट बनेंगे। वे तकनीकी रूप से दक्ष होंगे। वे आधुनिक उपकरणों यानी स्मार्ट फोन, इंटरनेट की सुविधाओं से लैश होंगे।
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-कोट
स्मार्ट शहर में ई-गवर्नेंस एवं ई-सुविधाएं मिलें, इसके लिए लोगों को आधुनिक उपकरणों एवं तकनीक से लैश होना होगा। शहरवासियों को भी स्मार्ट बनना होगा। सारी कवायद तभी सफल होगी, जब सरकार एवं संगठन अभी से ही लोगों को ई-शिक्षा से जोड़ें। समाज के हर तबके को शिक्षित करें ताकि वे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर सकें।
-यशस्वी आलोक, विशेषज्ञ, आईटी क्षेत्र
रीडर कनेक्ट ::
स्मार्ट सिटी के लिए चाहिए स्मार्ट अधिकारी
मुजफ्फरपुर : हम स्मार्ट सिटी में रहने का सपना संजोए हैं, लेकिन यह तभी हकीकत बन पाएगा, जब जिम्मेवार पदों पर स्मार्ट लोग होंगे। वर्तमान में स्थिति ऐसी नहीं है। शहर को स्मार्ट बनाने की जिम्मेवारी जिला एवं निगम प्रशासन पर है। इन दोनों संस्थाओं को हिमांशु शर्मा जैसा स्मार्ट अधिकारी चाहिए। यह कहना है शहरवासियों का, जिन्होंने दैनिक जागरण को मोबाइल फोन के माध्यम से अपने विचार साझा किए।
मझौलिया निवासी राजेंद्र चौधरी ने कहा कि स्मार्ट शहर के लिए स्मार्ट अधिकारी चाहिए। सरकार पहले मुजफ्फरपुर में स्मार्ट अधिकारियों को प्रतिनियुक्त करें। सरैयागंज निवासी जेपी गुप्ता ने कहा कि जिले के अधिकांश कार्यालयों की हालत ऐसी है कि वहां न अधिकारी हैं और न ही कार्य संस्कृति। वे खुद समस्याओं को झेल रहे हैं। वे जनता को स्मार्ट सुविधा कहां से दे पाएंगे। सरकार पहले उनको ठीक करे।
स्टेशन रोड निवासी शंकर महतो कहते हैं कि शहर में बन रहीं सड़कों की हालत किसी से छिपी नहीं है। सड़क एक तरफ बन रही है तो दूसरी तरफ टूट रही है। इसका कारण अधिकारी से लेकर संवेदक तक का भ्रष्टाचार में लिप्त होना है। स्मार्ट शहर के लिए जरूरी है कि यहां किसी भी प्रकार का निर्माण मापदंड एवं जरूरतों के हिसाब से हो। सुविधा के नाम पर पैसा पानी में बहाने का खेल समाप्त हो।
जूरन छपरा निवासी मदन मोहन ने बताया कि अभी शहर की एक आबादी शिक्षा से दूर है। हाइटेक सुविधाओं का लाभ वे कैसे उठा पाएंगे। इसलिए ऐसे लोगों को शिक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाना होगा।
बोले बुद्धिजीवी
हम स्मार्ट सिटी में रहने का सपना देख रहे हैं, लेकिन इसके लिए पहले हमें स्मार्ट बनना होगा। हमें अपने जिम्मेवारियों को समझना होगा। व्यवस्था बहाल करने को बने नियम-कानून का पालन करना होगा। फिलहाल ऐसा नहीं है। हम शहर की सफाई तक की जवाबदेही को नहीं निभा पा रहे हैं।
-केएम तिवारी, वरिष्ठ नागरिक
वर्तमान हालात स्मार्ट सिटी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है। हम घर का कूड़ा सड़क पर सीधे फेंक देते हैं। यातायात नियमों को पालन नहीं करते। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में संकोच नहीं करते। यदि हम अपने में सुधार नहीं लाएंगे तो स्मार्ट सिटी की कल्पना हकीकत नहीं बन पाएगी।
-गंगोत्री चौधरी, सेवानिवृत्त, शारीरिक शिक्षा उपनिदेशक
सरकारी कार्यालयों, जिन पर शहर को स्मार्ट बनाने की जिम्मेवारी होगी वहां कार्य संस्कृति का घोर अभाव है। सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली ऐसा है कि छोटी से छोटी योजना को जमीन पर उतरने के लिए दिन या माह नहीं सालों लग जाते हैं। इसलिए पहले सरकारी कार्यालयों को स्मार्ट बनना होगा।
-दिलीप कुमार, समाजसेवी
स्मार्ट सिटी में रहने के लिए पहले अपने अपनी आदतें बदलनी होंगी। सड़क पर जहां-तहां कूड़ा करकट फेंकने से बचना होगा। सार्वजनिक जगह को गंदा करने की आदत छोड़नी होगी। जब तक हम जागरूक नहीं होंगे, कोई व्यवस्था सफल नहीं होगी। नगर निगम के साथ-साथ हमें भी साफ-सफाई के प्रति सजग रहना होगा। विशेषकर युवाओं को आगे आना होगा।
-भारतेंदु कुमार, युवा