Move to Jagran APP

बदल जाएगी शहर की सूरत, स्मार्ट होंगे शहरवासी

मुजफ्फरपुर : नगर निगम की मेहनत एवं शहरवासियों की कामना काम आई। मुजफ्फरपुर शहर प्रधानमंत्री नरेंद्र म

By Edited By: Published: Fri, 28 Aug 2015 01:56 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2015 01:56 AM (IST)
बदल जाएगी शहर की सूरत, स्मार्ट होंगे शहरवासी

मुजफ्फरपुर : नगर निगम की मेहनत एवं शहरवासियों की कामना काम आई। मुजफ्फरपुर शहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल हो गया। शहर का चयन होने की सूचना जैसे ही मिली, लोग झूम उठे। सांसद, विधायक, महापौर एवं निगम के सभी पार्षदों में भी खुशी की लहर फैल गई। सबने अपने-अपने तरीके से खुशी का इजहार किया। किसी ने मिठाई बांटी तो किसी ने एक-दूसरे को रंग एवं गुलाल लगाया।

loksabha election banner

स्मार्ट सिटी की गाड़ी को अंतिम पायदान तक पहुंचाने वाले पूर्व नगर आयुक्त एवं वर्तमान में अररिया के जिलाधिकारी हिमाशु शर्मा को शहरवासियों के साथ-साथ निगम कर्मियों ने भी फोन पर बधाई दी। महापौर वर्षा सिंह के आवास पर पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी एवं निगम पार्षदों ने जमकर होली खेली और एक दूसरे को मिठाई खिलाई। वहीं दूसरी तरफ नगर विधायक सुरेश कुमार शर्मा ने कार्यकर्ताओं के साथ आतिशबाजी की।

शहर का नया जन्म, बनेगी नई पहचान

मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी में शामिल होने के साथ ही शहर का नया जन्म हुआ है। यह जल्द ही देश के टॉप शहरों में से एक होगा। जी हां, अब न सिर्फ शहर की सूरत बदलेगी, बल्कि यहां के लोगों की सिरत भी बदल जाएगी। शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास होगा। लोगों की लाइफ स्टाइल भी बदल जाएगी। समस्याओं की गठरी ढोने से भी मुक्ति मिल जाएगी। शहर का बुनियादी ढांचा ही नहीं, कार्य संस्कृति और रहन-सहन में भी बदलाव आएगा। शहरवासियों ने आधुनिक शहर में रहने का जो सपना देखा था, वह पूरा होगा। शहर में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिसकी हम सिर्फ परिकल्पना करते थे। चौड़ी सड़कें, चौबीस घंटे बिजली, अनवरत पेयजल की आपूर्ति और घरों के किचन में पाइप लाइन के सहारे एलपीजी गैस।

शहर शिक्षा का हब बनेगा, जिससे यहां के युवाओं को प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। शहर हाईटेक होगा, जिससे लोगों को घर बैठे आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा। विशेषज्ञों की मानें तो अब स्मार्ट मुजफ्फरपुर स्वच्छ, सुंदर एवं स्वस्थ शहर बन जाएगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं वाटर सप्लाई सिस्टम का भी विकास होगा। ड्रेनेज एवं सीवरेज सिस्टम मूर्त रूप लेगा। यातायात व्यवस्था दुरुस्त होगी और जाम के झाम से मुक्ति मिलेगी। स्लम क्षेत्रों के विकास पर विशेष नजर होगी। शहर झुग्गी-झोपड़ी से मुक्त हो जाएगा। गरीबों के लिए आवासीय कॉलोनी का निर्माण होगा। सरकारी एवं गैरसरकारी कार्यालय हाइटेक होंगे। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होगा। बड़ी-बड़ी कंपनियों के आने से बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।

उत्तर बिहार का भी होगा विकास

मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी बनने से यहां के साथ ही उत्तर बिहार का आर्थिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक विकास होगा। इतना ही नहीं सीमावर्ती जिला होने के नाते स्मार्ट मुजफ्फरपुर को प्रभाव नेपाल के तराई क्षेत्रों तक होगा। विशेषज्ञों की मानें तो इसकी परिकल्पना शहर के विस्तार एवं आधारभूत सुविधाओं के विकास से जुड़ी है। उत्तर बिहार समेत नेपाल के हजारों विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली व बंगलूरू जाते हैं। मुजफ्फरपुर में शिक्षा हब बनने से उनका पलायन रुकेगा। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में देश-विदेश जाने को मजबूर थे, उन्हें यहां रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उनका पलायन रुकेगा। साथ ही उत्तर बिहार की आर्थिक राजधानी होने के नाते जब यहां का विकास होगा तो आस-पड़ोस के जिलों पर भी इसका प्रभाव दिखेगा।

ये है स्मार्ट सिटी की परिकल्पना

क्वालिटी ऑफ लाइफ : स्मार्ट सिटी में रहने वाले हर व्यक्ति को क्वालिटी लाइफ मिले। यानी किफायती घर हो, हर तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर हो। पानी और बिजली चौबीसों घटे मिले। शिक्षा के लिए विकल्प हो। सुरक्षा हो। एंटरटेनमेंट और स्पो‌र्ट्स के साधन हों। आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी हो। अच्छे स्कूल और अस्पताल भी हों।

इन्वेस्टमेंट : ह्यूमन व नेचुरल रिसोर्स के मुताबिक इन्वेस्टमेंट भी आए। बड़ी कंपनियों को वहा अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए सुविधाएं और सहूलियत मिले। उन पर टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।

रोजगार : स्मार्ट सिटी में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए, जिससे वहा या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार का मौका मिले। स्मार्ट सिटी के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।

ट्रासपोर्ट : स्मार्ट सिटी में रेजिडेंशियल, बिजली, पानी, हेल्थ और एजुकेशन की सुविधाएं देने के लिए मानक तय किए गए हैं।

-स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रेवेल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।

-कम से कम 2 मीटर चौड़ा फुटपाथ हो। रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉकिंग डिस्टेंस पर बस या मेट्रो की सुविधा हो।

-95 फीसदी रिहायशी इलाके ऐसे हों जहा 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और रीक्रिएशन पार्क मौजूद हों।

- 20 फीसद मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों।

-कम से कम 30 फीसद रिहायशी और कॉमर्शियल इलाके बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।

-सिटी में सातों दिन 24 घंटे पानी और बिजली सप्लाई हो। 100 फीसद घरों में बिजली कनेक्शन हो। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो।

-कोई बिजली, पानी चोरी न कर पाए। प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।

वाइफाइ कनेक्टिविटी

-100 फीसदी घरों तक वाइफाइ कनेक्टिविटी हो।

-100 एमबीपीसी की स्पीड वाइफाइ पर मिले।

-स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।

-हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो।

- एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो।

-हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।

-15 फीसदी इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।

-हर 2500 लोगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकेंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटीग्रेटेड स्कूल हो।

- सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।

-10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हो।

76 अंक हासिल कर राज्य में अव्वल

मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने के लिए मुजफ्फरपुर को कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। दिल्ली में आयोजित सेमिनार में शामिल होने एवं प्रधानमंत्री की परिकल्पनाओं से अवगत होने के बाद लौट कर आई महापौर वर्षा सिंह एवं आईएएस नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कड़ी मेहनत की थी। उन लोगों ने निगम के वार्ड पार्षदों एवं नौ सौ कर्मचारियों की के साथ स्मार्ट सिटी के सभी मानक पर खरा उतरने के लिए काम किया था। उनकी मेहनत रंग लाई। बिहार के शहरों में मुजफ्फरपुर ने परीक्षा में 75 अंक लाकर अव्वल स्थान हासिल किया।

1-वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर के कितने घरों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। (0-10 अंक) - 10

2-नागरिक सुविधाओं से संबंधित नागरिकों की शिकायतों का निवारण व लंबित मामलों की संख्या का ब्योरा (5 अंक) - 5

3-पारदर्शिता के लिए क्या शहर की अपनी ई-मासिक पत्रिका है? जिसमें शहर के बारे में लोगों को जानकारी मिलती है। (5 अंक) - 5

4-नगर निकायों की परियोजनाओं के बारे में वेबसाइट पर कम से कम दो साल का बजट ब्योरा होना चाहिए। (5 अंक) - 5

5-निर्वाचित नगर प्रतिनिधियों के पारित प्रस्ताव वेबसाइट पर होने चाहिए। - हां

6-नगर निकाय में अपनी योजनाओं को तैयार करते समय वार्डवार नागरिकों के साथ किए गए परामर्श का तारीखवार ब्योरा, कितने नागरिकों से विचार-विमर्श किया गया, उनकी संख्या भी। - हां

7-नागरिक सेवाओं के उपलब्ध कराने में विलंब होने पर जुर्माना और उसकी वसूली का ब्योरा (5 अंक) - 5

8-नगर निकायों में पिछले तीन सालों का टैक्स, शुल्क व अन्य चार्ज की वसूली से जुटाए गए धन का विवरण। (0-10 अंक) - 10

9-नगर निकायों में कार्यरत कर्मचारियों के मासिक वेतन भुगतान का विवरण (5 अंक) - 5

10-नगर निकायों के वर्ष 2012-13 तक के खाते का आडिट ब्योरा (5 अंक) - 5

11-कर शुल्क व उपभोक्ता शुल्क, किराया और अन्य राजस्व स्त्रोतों से नगर निकाय के कुल बजट में इनकी हिस्सेदारी (0-10 अंक) - 10

12-जलापूर्ति व पाइप लाइन के रखरखाव पर खर्च का प्रतिशत (0-10) - 0

13-नगर निगम की कुल आय में आतरिक स्त्रोतों से आय का योगदान (0-10 अंक) - 0

14-जेएनएनआरयूएम के तहत शहरों में किया गया सुधार (0-10 अंक) - 10

15-इसी मिशन के तहत 2012 तक पूरी की गई परियोजनाओं का ब्योरा (0-10 अंक) - 10

हिमाशु शर्मा का बड़ा योगदान

मुजफ्फरपुर : यदि शहर स्मार्ट सिटी की दौड़ में सफल रहा है तो इसमें सबसे बड़ा योगदान नगर निगम के पूर्व नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा का है। अपने ग्यारह माह के कार्यकाल में उन्होंने निगम को वह ऊंचाई दी, जिसे शहरवासी भूला नहीं सकते। हिमांशु शर्मा ने नगर आयुक्त की कुर्सी संभालते ही शहर को हाइटेक बनाना शुरू कर दिया था। उनके जेहन में था कि मुजफ्फरपुर नगर निगम ई-गवर्नेस की शुरुआत करने वाला राज्य का पहला निकाय बने। उन्होंने इसके लिए हर संभव उपाय किए। निगम को हाइटेक बनाने की कवायद लगे रहे ताकि शहरवासियों को घर बैठे ऑनलाइन प्रापर्टी टैक्स, होल्डिंग टैक्स जमा करने, अपनी समस्याओं को निगम तक पहुंचाने, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त हो सके। उन्होंने अपने कार्यकाल में निगम को जिस तरह आधुनिक टेक्नोलॉजी से जोड़ा था, वह शायद ही अन्य कोई कर सके।

-नगर निगम की वेबसाइट को अपडेट कर निगम से संबंधित सभी जानकारियों को ऑनलाइन किया।

-निगम की ई-मासिक पत्रिका को लांच किया। इससे नेट के माध्यम से शहरवासी निगम की गतिविधियों को अपने मोबाइल, लैपटॉप व कम्प्यूटर पर घर बैठे देख सकते हैं।

- निगम की कर शाखा को कम्प्यूटरीकृत कर निगम क्षेत्र के सभी मकानों का कम्प्यूटरीकृत डाटा तैयार कराया

- एटीएम कार्ड के माध्यम से संपत्ति कर भुगतान की सुविधा की शुरुआत एचडीएफसी बैंक के माध्यम से की।

- निगम कार्यालय की सभी शाखाओं को इंटरकॉम से जोड़ा।

- कार्यालय को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में लाया। कार्यालय परिसर में चार कैमरे लगवाए।

- नगर निगम के आय-व्यय को पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत किया।

- नगर निगम में ई-गवर्नेस की शुरुआत की पहल की।

- संपत्ति कर के भुगतान की ऑनलाइन सुविधा शुरू करने की योजना को अंतिम पायदान तक पहुंचाया।

-नगर निगम के सभी वाहनों को जीपीएस सिस्टम से जोड़ने की योजना बनाई।

-नगर निगम कार्यालय की सभी शाखाओं को तकनीकी सुविधाओं से लैश करने की योजना को आगे बढ़ाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.