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नहीं चला निरक्षर व नि:शक्त का बहाना

मुजफ्फरपुर : स्थानीय निकाय से विधान परिषद सदस्य के चुनाव को लेकर पिछले कई दिनों से डोर-टू-डोर प्रचा

By Edited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 01:08 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 01:08 AM (IST)
नहीं चला निरक्षर व  नि:शक्त का बहाना

मुजफ्फरपुर : स्थानीय निकाय से विधान परिषद सदस्य के चुनाव को लेकर पिछले कई दिनों से डोर-टू-डोर प्रचार किए गए। आरोप-प्रत्यारोप के बीच कई तरह के हथकंडे भी अपनाए गए। अंतिम हथकंडे के रूप में कुछ मतदाताओं को बूथों तक प्रभावित करने के लिए सहायक के रूप में 'साया' साथ लगाने का प्रयास किया गया। इसके लिए जिले से 263 मतदाताओं ने आवेदन दिया कि निरक्षर व नि:शक्त होने के कारण उसे वोटिंग में मदद के लिए सहायक दिया जाए। माना जा रहा कि ये आवेदन उम्मीदवारों की ओर से दिलवाए गए थे। क्योंकि बड़ी संख्या में एकाएक इस तरह से आवेदन आने पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम कुमार ने इसकी जांच कराने के आदेश दे दिए। इसके बाद इनमें से डेढ़ सौ आवेदन खारिज कर दिए गए।

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रविवार को प्रखंड कार्यालयों में चिकित्सकों की उपस्थिति में नि:शक्ता की जांच कराई गई। इसमें कई मतदाता के आवेदन गलत पाए गए। वहीं निरक्षर होने के दावे भी गलत हो गए। कई मतदाता ऐसे थे जिन्होंने पिछले चुनाव में शपथ पत्र में साक्षर होने का दावा किया था। अब चुनाव में 113 मतदाताओं को ही सहायक दिए जाने की इजाजत दी गई है।


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