तत्कालीन निगरानी एसपी का दावा, पर्याप्त हैं साक्ष्य
मुजफ्फरपुर : वर्ष 2007 में मुजफ्फरपुर नगर निगम के मेयर चुनाव में नोट फॉर वोट के मामले में नया मोड़ आत
मुजफ्फरपुर : वर्ष 2007 में मुजफ्फरपुर नगर निगम के मेयर चुनाव में नोट फॉर वोट के मामले में नया मोड़ आता दिख रहा है। परिवाद पत्र की जांच करने के बाद प्राथमिकी दर्ज करने वाले निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के तत्कालीन एसपी उपेन्द्र प्रसाद ने मामले में पर्याप्त साक्ष्य होने की बात कही है। इस आशय का जवाब उन्होंने विशेष न्यायालय (निगरानी) में दाखिल कर दिया है। इससे पहले निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अनुसंधानकर्ता ने मामले के अनुसंधान के बाद साक्ष्य का अभाव बताते हुए सभी आरोपियों को क्लीनचिट देते हुए विशेष न्यायालय में अंतिम प्रपत्र दाखिल किया था। अंतिम प्रपत्र की सुनवाई को लेकर न्यायालय ने तत्कालीन निगरानी एसपी को जवाब देने के लिए नोटिस भेजा था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में मुजफ्फरपुर नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में बड़े पैमाने पर पार्षदों के खरीद-फरोख्त का आरोप लगा था। अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने तत्कालीन नगर विधायक विजेन्द्र चौधरी, तत्कालीन मेयर विमला देवी तुलस्यान उसके पुत्र पिंटू तुलस्यान सहित अन्य के खिलाफ सितंबर 2007 में विशेष न्यायालय (निगरानी) में परिवाद पत्र दायर किया था। इसकी सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय ने इसकी जांच की जिम्मेदारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपी थी। जांच के बाद मामले को प्रथमदृष्टया सत्य पाते हुए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जनवरी 2013 में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मामले में चले अनुसंधान के बाद पिछले महीने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने साक्ष्य की कमी पाते हुए आरोपियों को क्लीनचिट देते हुए न्यायालय में अंतिम प्रपत्र दाखिल किया था।