बिहार में बिजली बिल घोटाला : सुशील मोदी
मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर में एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी की ओर से एक अरब 61 लाख रुपये गबन की उच्चस्तरी
मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर में एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी की ओर से एक अरब 61 लाख रुपये गबन की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शुरुआत हो गई गबन व घोटाले की। बिहार का विकास ठप है। जंगलराज टू शुरू है। यानी चारों ओर लूट-खसोट व अराजकता का माहौल। मुजफ्फरपुर के नगर विधायक सुरेश शर्मा की ओर से बिजली समस्या को लेकर एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय पर आयोजित धरना में उन्होंने कहा था कि बिहार में 325 करोड़ की ट्रांसफॉर्मर खरीद में घोटाला भी हुआ है। एक ही ट्रांसफॉर्मर एक जिले में एक लाख 10 हजार तो दूसरे जिले में एक लाख 30 हजार तक में खरीदी गई। इसी तरह से अन्य उपकरण की खरीद में भी रुपये का अंतर आ रहा है। उनकी बात की सच्चाई अब सामने आने लगी है। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी को जेल भेजा जाए। अगर दोषी अधिकारी जेल नहीं गए तो आने वाले दिन में आंदोलन होगा।
ऐसे हुआ खुलासा
एस्सेल समेत आठ अफसरों
पर दर्ज है प्राथमिकी
नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड से एस्सेल का एग्रीमेंट 2013 में हुआ था। लेकिन, एग्रीमेंट के अनुसार एस्सेल ने इस्क्रो खाते में तय हुई लगभग अठारह करोड़ रुपये मासिक राशि जमा नहीं की। लगभग दो वर्ष बाद नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) के अधिकारियों को पता चला कि इस्क्रो खाते में राशि ही नहीं है। मामले का खुलासा करते हुए एनबीपीडीसीएल के अधिकारियों ने एस्सेल के निदेशक समेत आठ अफसरों के विरुद्ध एक अरब 61 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पूरा मामला पुलिस के संज्ञान में है और जांच चल रही है।
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