आठ प्रखंडों में हाई अलर्ट
जासं, मुजफ्फरपुर : नेपाल में भूस्खलन के बाद बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिले के आठ प्रखंडों में प्
जासं, मुजफ्फरपुर : नेपाल में भूस्खलन के बाद बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिले के आठ प्रखंडों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। इन प्रखंडों में साहेबगंज, पारू, औराई, कटरा, गायघाट, बोचहां, मीनापुर व कांटी शामिल हैं। अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन भानु प्रताप सिंह ने इन अंचलों के अंचलाधिकारी को पत्र भेज कर पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
पत्र में कहा गया है कि भूस्खलन के बाद नेपाल द्वारा 40 हजार 290 क्यूसेक पानी छोड़ने की बात कही जा रही है। इससे नदियों के सीमावर्ती पंचायतों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
कोई खतरा नहीं : जल संसाधन विभाग ने दावा किया है नेपाल के इस भूस्खलन से जिले को कोई खतरा नहीं है। गंडक नदी के जलस्तर में कुछ वृद्धि होगी, लेकिन यह नियंत्रित रहेगी। फिर भी सभी अभियंताओं को सतर्क कर दिया गया है।
सिर पर बाढ़, खराब पड़ा मोटरबोट : बाढ़ का खतरा सिर पर है। लेकिन, इससे लड़ने वाले बचाव दल के लिए मोटरबोट ही खराब है। इस संबंध में अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन भानु प्रताप सिंह ने विभाग के अपर सचिव को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है। इसमें उन्होंने कहा है कि जिले में दो एफआरपी मोटरबोट एवं दस इन्फ्लैटेबल मोटरबोट उपलब्ध हैं। दो इन्फ्लैटेबल मोटरबोट को छोड़कर सभी की मरम्मत की आवश्यकता है। मोटरबोटों की बैट्री खराब है, इंजन स्टार्ट नहीं हो रहा है। इन्फे़लैटेबल मोटरबोट में हवा भरने का पंप खराब है।
बाढ़ नहीं, पर अलर्ट
जिले की नदियों में जलस्तर को देखते हुए अभियंता बाढ़ के खतरे से इंकार तो कर रहे। मगर, सावधान भी कर रहे। ऐसा इसलिए कि नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद यहां की कुछ नदियों में एकाएक तेज बहाव होगा। इसलिए इस समय नदी में चलने वाली नौका, तैराक, मछुआरे आदि को विशेष ध्यान रखना होगा। क्योंकि तेज बहाव से उनको खतरा हो सकता है। चूंकि नेपाल से पानी यहां आने में कम से कम दो दिन का समय लगता है। इसलिए इसका ख्याल रखा जाना आवश्यक है।
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वर्जन :
'बराज से पानी छोड़े जाने की स्थिति में इस क्षेत्र तक पहुंचने में दो दिन लगेंगे। इससे गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो सकती है। बूढ़ी गंडक की स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। जिले को बाढ़ का कोई खतरा नहीं है, फिर भी सभी अभियंताओं को सतर्क कराते हुए अलर्ट कर दिया गया है। स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है।'
ई.ओमप्रकाश अंबरकर
मुख्य अभियंता
जल संसाधन विभाग