पूर्व डीपीआरओ पर विभागीय कार्यवाही
जासं, मुजफ्फरपुर : भ्रष्ट मुखिया व कर्मचारियों को बचाने में पूर्व जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआर
जासं, मुजफ्फरपुर : भ्रष्ट मुखिया व कर्मचारियों को बचाने में पूर्व जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) शाहिद परवेज फंस गए हैं। सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया। इसके आलोक में डीएम अनुपम कुमार ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी अनिल कुमार आर्य से आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। श्री परवेज वर्तमान में मधुबनी सदर के एसडीओ हैं।
पूर्व डीपीआरओ के खिलाफ आरोप पत्र में दोष प्रमाणित होने वाले मुखिया व पंचायत सचिव पर कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप है। इसमें कटरा की बसघट्टा पंचायत में गलत जाति प्रमाण-पत्र पर निर्वाचित होने का मामला है। इसमें उक्त मुखिया अशोक साव के खिलाफ प्राथमिकी की अनुशंसा के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। वहीं गलत प्रमाण-पत्र जारी करने वाले पर कार्रवाई नहीं हुई।
दूसरे मामले में शिक्षा मित्र की बहाली में अनियमितता की लोकायुक्त से शिकायत के बाद इसकी जांच कराई गई थी। इसमें मुखिया व पंचायत सचिव को दोषी पाया गया था। 2010 में दी गई जांच रिर्पार्ट के बाद मुखिया को पद से हटाने व पंचायत सचिव को निलंबित करने की कार्रवाई के लिए कहा गया था। मगर, इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मड़वन की बड़कागांव उत्तरी में इंदिरा आवास व सेविका बहाली में घोटाले की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी। दोषी पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई का जिला गोपनीय शाखा से आदेश दिया गया। इस कारण पूर्व डीपीआरओ से स्पष्टीकरण भी मांगा गया। इस मामले में दोबारा स्पष्टीकरण मांगा गया। बाद में दिए गए स्पष्टीकरण को असंतोषजनक माना गया। यह भी माना गया कि दोषी पंचायत सचिव पर कार्रवाई नहीं की गई।
इन शिकायतों को लेकर डीएम ने विभाग को शाहिद परवेज के खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखा था। इसे देखते हुए सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की। प्रमंडलीय आयुक्त इसके संचालन पदाधिकारी बनाए गए हैं।