Move to Jagran APP

'शुभ विचार जहां से भी मिलें, ग्रहण करें '

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : शुभ विचारों को ग्रहण करने में संकीर्ण नहीं होना चाहिए। आध्यात्मिक दृष्

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2015 01:14 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 01:14 AM (IST)
'शुभ विचार जहां से भी मिलें, ग्रहण करें '

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर : शुभ विचारों को ग्रहण करने में संकीर्ण नहीं होना चाहिए। आध्यात्मिक दृष्टि के लिए आंखें खुली रखी जाएं। इसीलिए मैं अपने प्रवचन में सूफीवाद हो या बौद्ध दर्शन सभी के मांगलिक विचारों का संदेश लोगों को देता हूं। उक्त बातें प्रसिद्ध कथावाचक संत मोरारी बापू ने कहीं। वे शुक्रवार को मुजफ्फरपुर स्थित रमेशचंद्र टिकवानी के आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।

loksabha election banner

कहा कि वेदों से बड़ा विचार स्वातं˜य व उदारता का कोई दूसरा ग्रंथ नहीं है। वेदों ने ही शुभ विचारों को किसी भी धर्मग्रंथ से लेने की बात कही है। श्रीराम कथा में पूरे संसार का चिंतन, दर्शन का सार है। ये सिर्फ भक्ति कथा नहीं, बल्कि सही मायनों में एक मानवीय दृष्टि भी है, जो मनुष्य के जीवन के रास्ते को भी सुगम करती है। श्रीराम कथा की गंगा बहने जा रही है। इसमें काव्य के सभी नौ रस तो मिलेंगे ही। ज्ञान, कर्म और भक्ति की त्रिवेणी भी बहेगी। प्रवाहमान कथा की लहरें पूरे बिहार तक श्रद्धालुओं को ओतप्रोत करेंगी।

इस बात से अभिभूत हूं कि मां जानकी की धरती, भगवान महावीर की जन्म स्थली और भगवान बुद्ध की कर्मस्थली में एक बार फिर आने का अवसर मिला है। अच्छा लगता है कि मुजफ्फरपुर जैसे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं मानवीय चेतना के शहर में हूं। इस बार श्रीराम कथा में कोई विशेष विषय लेकर चलने के सवाल पर बोले कि यह निर्णय तो व्यास पीठ पर बैठने के बाद होगा। शनिवार से भरौल ग्राम में होने वाली कथा में श्रोताओं से संवाद भी होगा। जहां तक मुख्य संदेश श्रीराम कथा के माध्यम से देने का है, तो वो सत्य, प्रेम व करुणा का है।

मां जानकी की धरती पर भूकंप आने के सवाल पर बोले कि खुद माता बहुत सहनशील थी, तो वहां के निवासी भी सहनशील होंगे ही। वहां किसी प्रकार की विशेष योजना शुरू कराने की संभावना से इंकार किया।

करीब तीन घंटे विलंब से पहुंचे शहर

मोरारी बापू का आगमन अपने निर्धारित समय से तीन घंटे विलंब से हुआ। उन्हें यहां चार बजे तक पहुंच जाना था, लेकिन वे करीब पौने सात बजे सूतापट्टी पहुंचे। उनका चार्टर्ड प्लेन ही डेढ़ घंटे विलंब से पहुंचा। जगह-जगह स्वागत को उमड़े लोग व जाम से भी उनके काफिले को आने में देर हुई।

ऐसे हुआ स्वागत

सूतापट्टी स्थित कैलाश निवास पर श्रीराम भजन व हनुमान चालीसा के पाठ से वातावरण भक्तिमय हो गया। जैसे कार से वे उतरे लोग भी श्रीहनुमान जी की स्तुति करने लगे। यहां उनके स्वागत में उत्तर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मोतीलाल छापड़िया, बिहारीलाल टिकमानी, अंबिका ढंढारिया, सज्जन शर्मा, आनंद मोदी समेत दर्जनों लोग थे।

ये है शनिवार का कार्यक्रम

सिकंदरपुर चौक स्थित बिहारीलाल टिकमानी के आवास पर निजी गोसेवा केंद्र पर आएंगे। उनके आने का प्रस्तावित समय नौ बजे है। यहां कुछ देर रुककर भरौल ग्राम जिला बेगूसराय के लिए रवाना हो जाएंगे।

इनसेट :

क्या फिर झटका आया है

शहर भूकंप से कितना सहमा हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संत के दर्शन को सड़क पर उमड़े लोगों को देखकर राहगीर पूछते क्या फिर झटका आया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.