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जख्म जो बन गया जिंदगी का नासूर

जासं, मुजफ्फरपुर : हाल ही में शादी हुई थी। पति काम करने अमृतसर गए थे। यादों के हसीन सपनों के साथ सोई

By Edited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 02:07 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 02:07 AM (IST)
जख्म जो बन गया जिंदगी का नासूर

जासं, मुजफ्फरपुर : हाल ही में शादी हुई थी। पति काम करने अमृतसर गए थे। यादों के हसीन सपनों के साथ सोई थी। लेकिन, वह रात मेरे लिए स्याह रात साबित हुई। मुझे क्या पता था मेरे बुजुर्ग पड़ोसी ही मेरे सपनों को कुचल देंगे। ऐसा जख्म मिलेगा जिससे मेरी जिंदगी नासूर बन जाएगी। आज मैं घुट-घुट कर जी रही हूं। एक आंख तो चली ही गई, दूसरे पर तेजाब के पड़े छींटे का प्रभाव आज भी है। किसी तरह इससे देख पाती हूं। धूप में निकलते ही इसमें जलन होने लगती है। चेहरे पर जख्म से आज भी मवाद निकल रहा है। पैसे नहीं होने के कारण इलाज भी पूरा तरह से नहीं करा पा रही हूं। 15 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मुझे न्याय मिला है। फैसले से मैं बहुत खुश हूं। यह कहना है तेजाब हमले की पीड़िता मीनापुर के मलटोली की रेणु देवी का।

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न्यायालय ने उसके ऊपर जुल्म करने वाले बॉक्सिंग राय को सजा सुना दी है। उस पर 30 हजार रुपया जुर्माना भी किया गया है। इसमें से उसे 20 हजार देने का न्यायालय ने आदेश दिया है। इस रुपये से वह अपना इलाज कराएगी। ये रुपये जल्द मिले इसके लिए न्यायालय से गुहार भी लगाई है। वह कहती है कि इलाज पूरा नहीं होने के कारण जख्म पूरी तरह ठीक नहीं हुआ है। घटना को याद कर वह सिहर उठती है। कहती है कि विधवा मां पर दबाव डाल कर पड़ोसी बॉक्सिंग उसकी शादी अपने साला के बेटा से कराना चाह रहा था। इस रिश्ते को मंजूर न करने पर वह इतनी बड़ी सजा देगा इसका तो अंदाज भी नहीं था। फिर उसके उम्र को देखते हुए तो कोई शक भी नहीं था। इससे पहले गांव में कभी इस तरह की घटना नहीं घटी थी।


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