रुका 50 करोड़ का भुगतान
अजय रत्न मुजफ्फरपुर : वित्तीय वर्ष 2014-15 में मार्च लूट की 50 करोड़ की राशि की निकासी पर रोक लगा दी
अजय रत्न मुजफ्फरपुर : वित्तीय वर्ष 2014-15 में मार्च लूट की 50 करोड़ की राशि की निकासी पर रोक लगा दी गई है। वित्त विभाग ने 27 मार्च से ही विभिन्न विभागों से आए विपत्रों के विरुद्ध निकासी पर पूर्ण विराम लगा दिया है। सोमवार सुबह से शाम तक सौ से अधिक लोग विपत्र लेकर आए और निराश होकर लौट गए।
ये हैं निर्देश
- राज्य योजना मद एवं चौदहवें वित्त आयोग से संबंधित राशि के सभी विपत्रों के भुगतान करने पर रोक
- केंद्र से आवंटित राशि की भी निकासी खर्च के लिए नहीं होगी बल्कि पर्सनल लेजर (पीएल) या पर्सनल डिपॉजिट (पीडी) में उक्त राशि जमा करने के लिए निकासी की अनुमति दी जाएगी
- पर्सनल लेजर (पीएल) व पर्सनल डिपॉजिट (पीडी) खाते से राशि निकालकर बैंक में रखने की भी अनुमति पर रोक लगा दी गई है
इनसेट
पहली बार वित्त विभाग ने
चार दिन पूर्व लगाई रोक
यह पहला मौका है जब वित्त विभाग ने चार दिन पूर्व ही योजना मद की राशि भुगतान पर रोक लगा दी। शुक्रवार को दिन में कुछ मद में भुगतान करने का निर्देश दिया गया था लेकिन शाम होते ही पूरी तरह रोक का आदेश जारी हो गया।
सूत्रों ने बताया कि दिन भर में बिलों के भुगतान पर रोक के लिए बैंक को कई मेल भेजने पड़े। दूसरी खेप में आए सौ से अधिक बिलों को रोकना पड़ा। यह भी संयोग रहा कि इस बार शनिवार को रामनवमी और फिर रविवार का सामान्य अवकाश रहा। मार्च क्लोजिंग के बावजूद सरकार ने छुट्टियों में कोषागार को बंद रखने का निर्देश दिया था। जबकि 2012 - 13 तक ऐसा नहीं होता था।
दिखा सख्ती का असर
पिछले साल से वित्त विभाग ने सख्ती शुरू की है। जबकि इससे पूर्व के वर्षो में सख्ती नहीं होती थी। वर्ष 2012-13 में 31 मार्च तक बिलों का निष्पादन हुआ। वहीं, 2013 - 14 में 29 मार्च तक ही बिलों को निष्पादित करने का निर्देश दिया गया था। जबकि वर्ष 2014 - 15 में 26 मार्च तक ही बिलों के भुगतान का निर्देश दिया गया।
ये हैं आंकड़े
वर्ष 2013 में 1 से 31 मार्च तक कुल बिलों का निष्पादन 11 हजार
कुल भुगतान 2.45 अरब रुपये
वर्ष 2014 में 29 मार्च तक विपत्रों का निष्पादन 9 हजार
कुल भुगतान 1.75 अरब रुपये
वर्ष 2015 में 26 मार्च तक विपत्रों का निष्पादन 3 हजार
कुल भुगतान 30 करोड़ रुपये