मुजफ्फरपुर में जदयू विधायक के घर पर हमला, पुत्रवधू घायल
मीनापुर के जदयू विधायक दिनेश कुशवाहा के नगर थाना क्षेत्र स्थित आवास पर दो नकाबपोशों ने रविवार दोपहर हमला कर दिया। चंदवारा स्थित किराए के मकान में उस समय उनकी पुत्रवधू रेखा कुमारी ही थी।
मुजफ्फरपुर। मीनापुर के जदयू विधायक व पूर्व मंत्री दिनेश प्रसाद के बनारस बैंक चौक स्थित किराए के आवास पर रविवार दोपहर दो नकाबपोश अपराधियों ने हमला कर दिया। हमला करने वाले विधायक के पुत्र अजय कुमार (भाजपा नेता) और उसके पौत्र को खोज रहे थे। उन दोनों के नहीं मिलने पर पुत्रवधू रेखा देवी को बाल पकड़कर घसीटा। उनकी पिटाई की। उसके बाद हमलावर यह धमकी देते हुए निकल गए कि 'तुम्हारा परिवार नहीं बचेगा। कितना दिन तक भाग कर रहेगा। भागने से काम नहीं चलेगा। हम तुम्हारे पति और बेटे की हर हाल में हत्या कर देंगे।'
घटना के बाद से विधायक की पुत्रवधू की हालत बिगड़ गई है। वह बार-बार बेहोश होकर गिर रही थीं। घर पर ही उनका चल रहा है। हमले से विधायक व उनका परिवार दहशत में है। पुलिस ने आवास के आस-पास गश्त बढ़ा दी है। साथ ही संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। बदमाशों के आने-जाने की राह से कोई वाकिफ नहीं, क्योंकि घटना के समय घर पर मात्र दो महिलाएं थीं। होश आने पर विधायक की पुत्रवधू ने बताया कि दोनों हमलावर नकाबपोश थे, जिनकी उम्र 30-35 वर्ष के बीच होगी। वे शर्ट-पैंट पहने हुए थे।
विधायक के पुत्र ने जोनल आइजी पारस नाथ और एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा को घटना से अवगत कराया। नगर डीएसपी अनिल कुमार सिंह व नगर थानाध्यक्ष सह पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह दल-बल के साथ उनके घर पर पहुंचकर मामले की छानबीन की। घटनास्थल शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद पुलिस करीब साढ़े तीन घंटे बाद पहुंची।
पहले भी मिली धमकी : पुलिस रिकार्ड पर गौर करें तो विधायक व उनके पुत्र को पहले भी सेलफोन पर धमकी मिल चुकी है। पिछले सप्ताह धमकी मिलने पर विधायक ने पटना के सचिवालय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उनके पुत्र अजय ने डीएम व एसएसपी को जानकारी दी थी। उन्हें सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने के लिए पुलिस लाइन बुलाया गया था, लेकिन मनपंसद जवान नहीं मिलने के कारण बिना सुरक्षा गार्ड लिए ही अजय लौट गए।
पुलिस के रवैये से विधायक नाखुश : विधायक दिनेश प्रसाद का कहना है कि हमला राजनीतिक विरोधियों की साजिश है। पुलिस की अब तक की कार्रवाई संतोषजनक नहीं है। पिछले दिनों सचिवालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, अगर त्वरित कार्रवाई होती तो यह घटना नहीं होती। पुत्र अजय हाल में ही जदयू छोड़कर भाजपा में गए हैं। भाजपा के सदस्यता अभियान को गति देने में लगे हैं। इस कारण उनको परेशान किया जा रहा है। धमकी में नक्सलियों का हाथ होने से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि वे गरीबों के बीच लगातार काम करते हैं। खुद किसान हैं और गांव से जुड़े हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से ऐसा करा रहे हैं। उन्होंने अपने परिवार को पूरी सुरक्षा देने की मांग की। उनका कहना है कि सुरक्षा नहीं मिलने पर अपराधी कुछ भी कर सकते हैं।