'आशा ने फेंक दिया था नवजात को'
जासं, मुजफ्फरपुर : 'जो भी गलती थी वह आशा की थी। उसने उसके नवजात बच्चे को फेंक दिया था। वहीं बच्चा अन
जासं, मुजफ्फरपुर : 'जो भी गलती थी वह आशा की थी। उसने उसके नवजात बच्चे को फेंक दिया था। वहीं बच्चा अनीता को मिला। वह मेरी बहन है। इसमें अनीता की कोई गलती नहीं है।' यह कहना है सदर थाना के मझौलिया मोहल्ले में रह रही रीता देवी का। सीआरपीसी की धारा-164 के तहत मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) जावेद आलम ने उसका बयान दर्ज कर सीलबंद कर दिया था। बुधवार को सीलबंद लिफाफा खुलने के बाद उसके बयान का खुलासा हुआ। अपने बयान में उसने नवजात को बेचे जाने की कोई चर्चा नहीं की है।
मूल रूप से वैशाली जिले के चेहराकलां थाना के सेहान गांव की रीता देवी ने कहा है कि खरना के दिन सुजावलपुर के बाबा क्लीनिक में उसे लड़का पैदा हुआ था। अनीता देवी को लावारिस की तरह एक बच्चा मिला। वह बच्चा मेरा था। इसलिए उसने उसे मेरे हवाले कर दिया। उसकी कोई गलती नहीं है। बच्चा पाकर मैं बहुत खुश हूं। रीता ने कोर्ट के समक्ष अपने डेरा पर जाने की इच्छा जताई। कोर्ट ने नवजात को उसके हवाले कर दिया। उल्लेखनीय है कि रीता देवी के नवजात पुत्र को गायब कर दिया गया था। उसने अपने पति दातानंद शर्मा व आशा कार्यकर्ता सकरा थाना के गन्नीपुर बेझा गांव की आशा देवी को अभियुक्त बनाते हुए सकरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने आशा देवी की निशानदेही पर पटना के जयप्रकाश नगर से ऑटो चालक मुन्ना चौधरी की पत्नी अनीता चौधरी के पास से उक्त नवजात को बरामद किया था। तब 25 हजार रुपये में नवजात को बेचने की बात बताई गई थी। पुलिस ने आशा देवी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।