बिना जांच न दें एंटीबायोटिक : अरुण शाह
सकरा, संवाद सहयोगी : शेरपुर पंचायत के हसनपुर बंगरा गांव में आयोजित एंटीबायोटिक जागरुकता शिविर में आइ
सकरा, संवाद सहयोगी : शेरपुर पंचायत के हसनपुर बंगरा गांव में आयोजित एंटीबायोटिक जागरुकता शिविर में आइएपी के नेशनल गाइड शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अरुण शाह ने कहा कि सभी बीमारी में सीधे-सीधे एंटीबायोटिक न दें। एंटीबायोटिक लिखने से पहले मरीज की जांच होनी चाहिए। जब जरूरत हो तो ही लिखें। मरीजों को चाहिए कि कोई डॉक्टर एंटीबायोटिक खाने की सलाह देता है तो वह चिकित्सक से पूछे कि आखिर क्यों उसको यह सलाह दी जा रही है। दवा की जानकारी लेना मरीज का अधिकार है।
1938 से शुरू हुआ सफर
एंटीबायोटिक पहली बार 1938 में आया। इस समय से अबतक बहुत कारगर रहा। पुराने समय में घाव में पेंसीलीन दी जाती थी, अब वह शायद नहीं दिखती। इस तरह आज की तारीख में जो हालात हैं, उसमें एंटीबायोटिक समूह का अंत हो रहा है। इसको बचाने की जरूरत है। वह खुद हर रविवार को गांव से लेकर शहर में जाकर जागरूक कर रहे हैं।
जदयू नेता मो.नौशाद के आवास पर आयोजित अभियान में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपंिस्थत रहे। नौशाद ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है। मरीज की जान बचाने में मदद मिलेगी। मंच संचालन डॉ.राजीव कुमार ने किया। इस मौके पर शिक्षाविद मोतिउर रहमान, फैसल इम्तेयाज, कैसर इस्लाम, नरेश चौधरी, सब्बीर अहमद आदि उपस्थित थे।