पापा पुलिस में हैं, गाड़ी छोड़ो
जासं, मुजफ्फरपुर : मेरे पापा पुलिस में हैं, गाड़ी छोड़ो..। चक्कर चौक पर एक 16 वर्षीय किशोर परिवहन कर्मियों से कड़े तेवर में बात कर रहा था। वह उनसे मारपीट पर उतारू था। मगर उसकी एक नहीं चली और उसे जुर्माना अदा करना ही पड़ा। पुलिस लिखे वाहन, काला शीशा, अनधिकृत रूप से वीआइपी लाइट लगा कर चलने वालों के खिलाफ जिलाधिकारी अनुपम कुमार एवं एसएसपी जितेंद्र राणा के आदेश पर बुधवार से अभियान शुरू हुआ। अभियान में पुलिस लिखे दर्जनों वाहनों को जुर्माना किया गया। ये वाहन पुलिस वाले के परिजन चला रहे थे। इनमें अधिकतर किशोर थे एवं इनकी रफ्तार हवा से बातें कर रही थीं।
फर्जी तरीके से प्रेस लिख कर चलने वालों को भी जुर्माना अदा करना पड़ा। डीटीओ मनन राम ठीक सवा दस बजे चक्कर चौक पहुंचे। उस समय तक थाने से पुलिस नहीं पहुंची। उसके बावजूद उन्होंने अभियान शुरू कर दिया। वाहन पकड़े जाने के साथ ही पद, रौब व पैरवी शुरू। इस दौरान वाहन मालिकों के तेवर गरम भी हुए। वे उलझे भी और देख लेने की धमकी भी दी। डीटीओ पर इसका असर नहीं हुआ। वे जुर्माना वसूल कर ही माने। यहां 12.30 मिनट पर पुलिस पहुंची।
डीएम-एसएसपी का आदेश ताक पर
थाने की पुलिस के लिए एसएसपी का आदेश भी मायने नहीं रखता। अभियान में ये स्थिति खुल कर सामने आई। अधिकतर जगहों पर पुलिस बल नहीं पहुंचने की वजह से अभियान शुरू नहीं हुआ। वहीं चक्कर चौक पर पुलिस अभियान शुरू होने के घंटों बाद पहुंची। जबकि अभियान को लेकर डीएम एवं एसएसपी का संयुक्त आदेश था। जानकारी के अनुसार रामदयालु मोड़, बैरिया गोलंबर, जीरो माइल चौक, सदर अस्पताल मोड़, पानी टंकी चौक, गोला दुर्गा स्थान चौक, ओरियंट क्लब के नजदीक एवं इमलीचट्टी मोड़ पर अभियान नहीं चला।
- डीटीओ ने वसूले 10,800
अभियान में डीटीओ काफी सक्रिय रहे। चक्कर चौक समेत विभिन्न जगहों पर घूम घूम कर अभियान चलाया। विभिन्न जगहों पर अभियान चला कर उन्होंने करीब दस हजार 800 रुपये वसूले। इसके अलावा सिर्फ चक्कर चौक के पदाधिकारी ने 14 वाहनों से 2600 रुपये की वसूली की।
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इनसेट :
साला की पैरवी को पहुंचा
एसएसपी कार्यालय कर्मी
चक्कर चौक के समीप पुलिस लिखी एक बाइक को छुड़ाने के लिए एसएसपी कार्यालय का एक कर्मी पहुंचा। बाइक चलाने वाले को उसने रिश्तेदार बताया। डीटीओ ने उसे एसएसपी के आदेश से अवगत कराया।
डीएम को फोन करने
की भी धमकी
काला शीशा लगे एक वाहन को जब जब्त किया गया तो उसने खुद को जिलाधिकारी का करीबी बताते हुए उन्हें फोन करने की धमकी दी। उसे डीएम के आदेश से अवगत कराया गया। झल्लाते हुए उसे भी जुर्माना अदा करना पड़ा।
महिलाओं पर नरमी
महिलाओं पर अधिकारी मेहरबान रहे। काला शीशा लगे वाहन एवं पुलिस लिखे वाहन चलाने के बाद भी उन्हें जुर्माना नहीं हुआ। कुछ वाहन मालिकों ने इसे लेकर विरोध किया। कहा, कानून सभी के लिए बराबर है। एक ही गलती के लिए किसी को जुर्माना तो किसी को रियायत क्यों। वह भी तब जब महिलाएं सशक्त होने का दावा कर रही हैं।
पकड़े गए वाहन
वाहन संख्या बीआर 06वाई 1887, डीएल 9एसएआइ 6879, बीआर06वाई 6761, बीआर06एक्स 1819, बीआर31एफ 6300, बीआर06एजी 0758 समेत अनेक पुलिस लिखे वाहन पकड़े गए।