मरने से पहले 10वीं के छात्र ने की 'मन की बात', रो उठा पूरा इलाका
14 वर्षीय छात्र गौरव कुमार उर्फ गोल्डी ने मौत से पहले सुसाइड नोट में कुछ इस तरह अपने 'मन की बात' की। परिजनों और आसपास के लोगों के साथ ही स्कूल प्रशासन भी गौरव के मन की बात पढ़ अपने आंसू नहीं रोक सके।
मुजफ्फरपुर। 'मम्मी-पापा और भैया, आप लोग मेरी पढ़ाई को लेकर परेशान रहते हैं न... मैं पढ़ाई में कमजोर हूं... बहुत कोशिश करता हूं बेहतर करने की।
हमेशा पढ़ाई में ध्यान लगाने की सोचता हूं, लेकिन गलती कहां हो रही, मुझे खुद पता नहीं। मैं पढ़ाई में कमजोर हूं तो इसी बात से आप लोगों को सभी जलील करते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आप लोगों को मेरी वजह से जलील नहीं होना पड़ेगा।'
14 वर्षीय छात्र गौरव कुमार उर्फ गोल्डी ने मौत से पहले सुसाइड नोट में कुछ इस तरह अपने 'मन की बात' की। वह काजीमुहम्मदपुर थाना क्षेत्र के गन्नीपुर हनुमाननगर में रहता था और केंद्रीय विद्यालय में दसवीं का छात्र था। परिजनों और आसपास के लोगों के साथ ही स्कूल प्रशासन भी गौरव के मन की बात पढ़ अपने आंसू नहीं रोक सके।
पढ़ाई में कमजोर होने के अवसाद में आकर गौरव ने आत्महत्या कर ली। घटना शनिवार की है। दोपहर करीब एक बजे गोल्डी घर में अकेले था। उसके पिता बबलू कुमार सिंह जूरन छपरा में अपने अल्ट्रासाउंड जांच घर में थे वहीं मां डाकघर गई थी। उसने मम्मी-पापा व भाई को संबोधित यह सुसाइड नोट छोड़ा है।
घर व स्कूल में मिलती थी फटकार
पुलिस के अनुसार पढ़ाई में कमजोर होने के कारण उसे घर व स्कूल में फटकार लगती थी। इसी कारण वह स्कूल जाने में आनाकानी करता था। आज सुबह भी स्कूल नहीं जाना चाहता था।
स्कूल प्रबंधन के बुलावे पर मां उसके साथ स्कूल पहुंची और उसे वहां छोड़कर किसी काम से डाकघर चली गई। स्कूल में छुट्टी होने से पहले ही गोल्डी घर पहुंचा और पंखे से लटक कर जान दे दी।
मां जब घर लौटी तो उसका शव झूलता पाया। वह दहाड़ें मारकर रोने लगी। आवाज सुनकर पड़ोस के लोग पहुंचे और पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही किसी ने लाश को उतार कर नीचे रख दिया।
खेल में आगे था गोल्डी
गौरव कुमार उर्फ गोल्डी के कुछ दोस्तों ने बताया कि वह पढ़ाई में कमजोर, लेकिन खेलकूद में आगे था। स्कूल में वह सभी के साथ मेल-मिलाप से रहता था और कभी भी किसी की बात का बुरा नहीं मानता था।
बुलावे पर स्कूल पहुंची थी मां : केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य एके मिश्रा ने बताया कि गौरव की पढ़ाई को लेकर स्कूल प्रबंधन व शिक्षक चिंतित थे। इसलिए उसके अभिभावक को बुलाया गया था।
शनिवार को उसकी मां स्कूल आई थी। उन्हें गौरव के पिता के साथ आने को कहा गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही पति के साथ आएंगी। गौरव के खुदकुशी पर विद्यालय परिवार को अफसोस व दुख है।
इन्होंने बताया-
छात्र के पिता के बयान पर यूडी केस दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। छात्र के छोड़े गए सुसाइड नोट को जब्त कर लिया गया है।
-शरदेन्दु शरत, थानाध्यक्ष, काजीमुहम्मदपुर