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बहुत परेशान थी, किसी का नहीं मिल रहा था सपोर्ट

By Edited By: Published: Sat, 24 Aug 2013 02:03 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2013 02:04 AM (IST)
बहुत परेशान थी, किसी का नहीं मिल रहा था सपोर्ट

शिशिर कुमार, मुजफ्फरपुर

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पिछले कई दिनों से वह काफी परेशान थी। किसी का उसे सपोर्ट नहीं मिल रहा था। इंजीनियर पति से रिश्ते में तो खटास थी ही, मां-पिता से भी..।

इतना कहने के बाद विवि पीजी ग‌र्ल्स हॉस्टल एक की एक छात्रा फफक पड़ी। नीशू के कमरे के बगल में रहने वाली एक सहपाठी ने घटना के बाद वहां पहुंचे विवि पदाधिकारियों के समक्ष बातचीत में इस रहस्य का खुलासा किया। उसने बताया कि नीशू की सुबह मोबाइल पर उसके मां-पिता से भी बात हुई थी। मोबाइल पर क्या बातें हुई यह तो पता नहीं, पर हावभाव से तनाव में दिखी। मां ने कुछ बातों को लेकर उसे फटकारा भी। कुछ देर तक इधर-उधर घूमने के बाद वह अपने कमरे (रूम नंबर 46) में चली गई। फिर जो कुछ हुआ उसे सुनने व देखने के बाद सभी सन्न रह गए। हालांकि, पुलिस अब भी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। सबका कहना था कि जब तक पूरी तहकीकात नहीं हो जाती तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है। वहीं, कुलपति डॉ. रवि वर्मा ने पूरे घटनाक्रम पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि पुलिस को इसकी पूरी तरह से छानबीन के लिए लिखा जाएगा। पुलिस कमरे से बरामद मोबाइल से सुराग ढूंढने की कोशिश कर रही है।

नौकरी तलाश रही थी नीशू

मोबाइल नहीं उठने पर गहराया शक

एमबीए की छात्रा नीशू पिछले कुछ समय से नौकरी की तलाश में थी। कमरे के बगल में रहने वाली एक सहेली से उसने आग्रह किया था कि इसके लिए वह प्रयास करे। छात्रा ने बताया कि एक कंपनी में काम करने वाले एक करीबी से इस बाबत उसकी बात भी हुई थी। उसने कई बार पहले रिंग किया, लेकिन मोबाइल नहीं उठा। कंपनी का वह कर्मी जब शुक्रवार को दोपहर हॉस्टल आया तो उसने इसकी जानकारी नीशू के दोस्त को दी। इसी के बाद शक होने पर हॉस्टल की छात्राएं उसके कमरे पर गई। लेकिन, खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला।

शव उठा ले जाते देख फफक पड़ीं छात्राएं

छात्रावासों की सैकड़ों छात्राओं के बीच पुलिस जब नीशू के शव को जीप में लादकर ले जाने लगी तो कुछ वक्त के लिए परिसर में अजीब सी खामोशी छा गई। सभी एक टक नीशू के शव पर नजरें गड़ाए थे। फिर सहमी-सहमी सी खड़ी भीड़ से अचानक आवाज उठी जो खामोशी को चीरती हुई सबकी आंखें नम कर गई। यह शोर या हंगामा नहीं, बल्कि हृदय विदारक घटना का दृश्य देखने के बाद देर तक दबे सहपाठी छात्राओं के मन का गुब्बार था। सो, कई अपने-आप को रोक नहीं सकीं और फफक-फफक रोने लगीं।

डरने की बात नहीं है मैडम, कोई बात हो तो तुरंत बताइएगा..

मुजफ्फरपुर : घटना के बाद न सिर्फ हॉस्टल की छात्राएं, बल्कि अधीक्षिका डॉ. पुष्पा के मुंह से भी आवाज नहीं निकल रही थीं। पुलिस व पदाधिकारियोंके जाने के बाद कहने लगीं-आगे क्या होगा। तब विवि छात्र कल्याण अध्यक्ष कार्यालय के कर्मियों ने उन्हें ढांढस बंधाया। कहा, मैडम डरने की बात नहीं है। कहीं कोई बात हो तो तुरंत मोबाइल पर बताइएगा। डरी-सहमी छात्राओं की मंशा थी कि घटना के बाद छात्रावास गेट पर पुलिस की तैनाती की जाएगी। लेकिन, छानबीन व शव कब्जे में लेने के बाद पुलिस वहां से चलते बनी।

पुलिस बल की मौजूदगी न होने से ग‌र्ल्स हॉस्टल में घुसे बाहरी

घटना की खबर सुनने के बाद पुलिस बल की तैनाती न होने के कारण सैकड़ों बाहरी छात्र व स्थानीय लोग ग‌र्ल्स हॉस्टल में घुस गए। कई तो हॉस्टल के अंदर कमरे तक पहुंचे गए। इसे देख छात्राओं के मन में भय का माहौल व्याप्त हो गया है।

होठ सिले पर, हर कोई कारण जानने को रहे बेताब

मुजफ्फरपुर : घटना की सूचना पाकर वहां पहुंचे तमाशबीनों के होठ सिले थे, पर हर कोई यह जानने को उत्सुक था कि आखिर क्या वजह थी कि नीशू ने आत्महत्या कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। नीशू की शादी सवा साल पहले मुजफ्फरपुर में ही मिठनपुरा स्थित एक विवाह भवन में हुई थी।

लड़की तो बड़ी शांत थी

मुजफ्फरपुर : घटना के बाद कोई सोच नहीं पा रहा था कि नीशू इस तरह खुद ही अपनी इहलीला समाप्त कर लेगी। छात्राओं का कहना था कि वह बहुत शांत स्वभाव की थी। एमबीए के पूर्व निदेशक डॉ. रघुनंदन प्रसाद सिंह ने कहा कि छात्रा उनके गांव के पास की ही थी। कक्षा में भी वह हमेशा रेगुलर रहा करती थी। पिता जयनंदन प्रसाद यादव की तबीयत भी खराब रहती है। पिछले दिनों हार्ट का ऑपरेशन हुआ था।

कैंपस में कभी नहीं हुई ऐसी घटना

मुजफ्फरपुर : नाइट गार्ड ठाकुर ने कहा कि कैंपस में रहते हुए 30 वर्ष हो गए। आज तक ऐसी घटना नहीं घटी। पता नहीं विवि पर किसकी नजर लग गई है।

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