आधुनिक युग की चकाचौंध से बचे मानव : कृष्ण मुरारी दास
मुंगेर। मानव यदि अपने विचारों को शुद्ध रखे तो दूसरों का विचार खुद व खुद बदल जाएगा। मानव को आ
मुंगेर। मानव यदि अपने विचारों को शुद्ध रखे तो दूसरों का विचार खुद व खुद बदल जाएगा। मानव को आधुनिक युग के चकाचौंध से बचना चाहिए। बुरी बातों का परित्याग कर अच्छी बातों को ग्रहण करना चाहिए। उक्त बाते महाविष्णु यज्ञ के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथावाचक कृष्ण मुरारी दास ने कही।उन्होंने कहा कि विवाह व मृत्यु हर मानव के जीवन काल में आता है। भगवान विष्णु की उपासना पर धरती पर सत्यव्रत का जन्म हुआ। उसको स्वयं भगवान विष्णु ने शिक्षा दी।लेकिन सत्यव्रत के पिता को सत्यव्रत का साधू बनाना मंजूर नहीं था। इसलिए उन्होंने उसे विवाह बंधन मे बांध दिया। जिससे भगवान विष्णु क्रोधित हुए। लेकिन अंत में भगवान विष्णु ने सत्यव्रत के इस मोह माया रूपी संसार मे रहने का अर्शीवाद दिया तथा अंतध्र्यान हो गए। वहीं साध्वी उमा भारती ने राम कथा के दौरान कहा कि श्रीराम का जन्म अतातायियों के नाश, जगत कल्याण व सदज्ञान के लिए हुआ। भगवान श्रीराम की दयालुता भक्तो को सुख देने के लिए थी। श्रीराम ने मानव को प्रतिदिन सुबह में माता पिता व गुरू के पैर छुकर आर्शीवाद लेने की शिक्षा दी तथा बताया कि ऐसा करने से आयु, विद्या, यश व बल की प्राप्ति होती है। वहीं इस दौरान हवन पूजन में हरिणमार थानाध्यक्ष मुकेश कुमार के साथ बडी संख्या मे श्रद्धालुओ ने भाग लेकर यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर पुजा अर्चना की।