बाढ़ की चपेट में आया रेल पुल, परिचालन ठप
मुंगेर । जमालपुर भागलपुर रेलखंड पर खड़िया पिपरा हॉल्ट के निकट पुल संख्या 183 के धंस जा
मुंगेर । जमालपुर भागलपुर रेलखंड पर खड़िया पिपरा हॉल्ट के निकट पुल संख्या 183 के धंस जाने से रेल परिचालन बाधित हो गया। पुल के धंसने के कारण अप लाईन पर ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया गया। जिस कारण कई ट्रेने अलग अलग स्टेशनों पर रूकी रहीं। पुल धंसने के जानकारी होते हीं अधिकारियों के बीच बेचैनी व्याप्त हो गई। आनन फानन में पीडब्लूआई शिशिर कुमार व कनीय अभियंता मनीष कुमार ने मौके पर पहुंच धंसे पुल का जायजा लिया व तत्काल अप लाईन से ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी। जिस कारण हावड़ा जमालपुर सुपर एक्सप्रेस ट्रेन को सुलतानगंज वापस लौटाते हुए पांच घंटे बाद डाउन लाईन से जमालपुर भेजा गया।
बताया जाता है कि सुबह श्रमिक गाड़ी के गुजरने के बाद पुल के धंसने की जानकारी रेल कर्मियों को मिली। जानकारी होते हीं रेल कर्मियों के बीच अफरा तफरी मच गया। कर्मियों ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी। जिसके बाद पहुंचे अभियंताओं की टीम ने जायजा लिया।
इस संबंध में पीउब्लूआइई शिशिर कुमार ने बताया कि पुल को मजबूती देने के लिए बोल्डर मंगाया जा रहा है। जिसके पहुंचते हीं पुल के नीचे बोल्डर गिराकर देर रात तक अप लाईन को चालू कराया जाएगा।
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पुल धंसने की खबर मिलते हीं पहुंचे अधिकारी
संवाद सूत्र, बरियारपुर, मुंगेर : कल्याणपुर व गनगनिया स्टेशनों के बीच पुल संख्या 183 के धंसने की खबर मिलते हीं एईएन से लेकर जेई तक में बेचैनी व्याप्त हो गई। रेलवे के इंजिनिय¨रग सेक्शन के अधिकारी आनन फानन में स्थलीय जांच को पहुंचे। पुल धंसने की चर्चा के बीच रेलवे के अधिकारी कुछ भी कहने से कतराते रहे। हालांकि खढि़या पिपरा के बीच धंसे पुल को दुरूस्त करने का काम शुरू कर दिया गया। रेलवे लाईन पर पहले से हीं काम कर रहे कर्मियों को पुल के नीचे पत्थर डालने के लिए लगा दिया गया।
रेलवे के एक कर्मचारी ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि अगर पुल के धंसान की जानकारी कुछ देर बाद मिलती तो एक बड़ी दुर्घटना को टाला नही जा सकता था। हालांकि बाढ़ के विनाशलीला को देखते हुए सुलतानगंज से रतनपुर के बीच गति सीमा निर्धारण के कारण ट्रेनों की रफ्तार पहले से हीं धीमी है। गाड़ियों के अलग अलग स्टेशनों पर रोके जाने के कारण सैकड़ो यात्री पैदल हीं अपने गंतब्य की ओेर जाते मिले। यात्री सत्यनारायण मंडल, मुटकी मंडल, प्रभुरंजन ठाकुर, शीला देवी आदि ने बताया कि पुल के कुछ आगे लाल झंडी टंगी थी। पुल के धंसान की जानकारी मिलते हीं यात्रियों ममें भी भय व्याप्त हो गया। कई यात्री सुलतानगंज तो कई जमालपुर की ओर रेलवे लाईन के किनारे किनारे पैदल हीं चलने लगे।