गंगा में समाया सबकुछ, हाकिम का भी नहीं है ध्यान
मुंगेर। न जाने गंगा को इतना गुस्सा क्यों आया कि उसने घर-द्वार, अनाज, जलावन सबकुछ छिन लिया। अब
मुंगेर। न जाने गंगा को इतना गुस्सा क्यों आया कि उसने घर-द्वार, अनाज, जलावन सबकुछ छिन लिया। अब हाकिमों का ध्यान भी हमलोगों पर नहीं है। ऐसे में हमलोग क्या करें, यह समझ में नहीं आता है। यह कहते कहते नीरपुर पंचायत के कल्याणपुर निवासी आजाद ¨सह का गला रूंध जाता है। फिर अपने को नियंत्रित करने की कोशिश करते हुए कहा कि कल्याणपुर के लोगों को रत्ती भर राहत नही मिली है। घर में कमर तक पानी है। भूसा, अनाज सब डूब गया है। लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को इसका तनिक भी मलाल नहीं है। फुलकिया के रामबालक चौधरी ने कहा कि जानवरों के चारा से लेकर खाने का अनाज तक डूब गया है। सड़क पर रहने को विवश हैं। सरस्वतीनगर की मीरा देवी ने कहा कि बाढ़ के तेज बहाव के कारण घर गिर गया। अब घर कैसे बनेगा यह ¨चता सता रही है। इधर, दो दिनों से राहत के नाम पर खिचड़ी मिल रहा है। लेकिन, पालिथिन सीट नहीं मिला है। इस कारण तेज धूप व बरसात में भी खुले आसमान के नीचे रहना पड़ता है। नयाछावनी की मीरा देवी, नीरपुर के मोहन कुमार, आषा टोला की निशा देवी आदि की भी यही व्यथा है।