पशुओं का चारागाह बना बरियारपुर ग्रिड
मुंगेर। गंगा के जल स्तर में तेजी आने के साथ ही बरियारपुर और आसपास के क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों
मुंगेर। गंगा के जल स्तर में तेजी आने के साथ ही बरियारपुर और आसपास के क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को डर सताने लगा कि कहीं इस बार भी बाढ़ के पानी में ग्रिड डूब नहीं जाए। क्योंकि, ग्रिड में बाढ़ का पानी घुसते ही लोगों को महीनों बिजली आपूर्ति से वंचित हो जाना पड़ता है। वहीं, फाटक के अभाव में ग्रिड आवारा पशुओं का चारागाह बन गया है। ग्रिड में प्रतिदिन मवेशी चरते दिख जाते हैं। ग्रिड में लगे 10 केबी के ट्रांसफार्मर को उंचा करने, चारदीवारी का निर्माण आदि कार्य कराए गए हैं। इसके बावजूद ग्रिड अब भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पूरे क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति करने वाले ग्रिड में लाइट की समस्या है। शाम ढ़लते ही ग्रिड अंधेरे में डूब जाता है। ग्रिड में तीन स्वीच बोर्ड ऑपरेटर है। जिसे एक भी सहायक नही दिया गया है। अगर रात्रि में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी होती है तो एसबीओ को अकेले ही टॉर्च पकड़कर गड़बड़ी को दूर करना पड़ता है। उपभोक्ता प्रमोद कुमार, रंजन कुमार, अविनाश साह, अनुज मंडल, आदि ने बताया कि ग्रिड के उंचीकरण को लेकर कई बार विभाग के साथ स्थानीय विधायक से भी गुहार लगाई गई। लेकिन, ग्रिड को उंचा नहीं करा कर ग्रीड में लगे ट्रांसफार्मर को उंचा कराया गया है। इससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। ग्रिड का लेबल अब भी नीचे है। वहीं, 11 केबी के जर्जर तार को भी नहीं बदला जा सका है। इस संबंध मे ग्रिड के जेई लोकनाथ ने बताया कि बिजली के क्षेत्र मे कई कार्य किए जा रहे हैं। जो भी समस्या है, उसे शीघ्र दुरुस्त कर लिया जाएगा।