श्रावणी मेला शुरू, उमड़ा कांवरियों का सैलाब
मुंगेर। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शनिवार से प्रारंभ हो गया। मेला के प्रथम दिन ही कांवरिया पथ पर आ
मुंगेर। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शनिवार से प्रारंभ हो गया। मेला के प्रथम दिन ही कांवरिया पथ पर आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा। पहले दिन ही पूरा कांवरिया पथ केशरिया रंग में सराबोर नजर आया। वहीं, बोल बम का जयघोष पैदल चलने वाले कांवरियों में उत्साह का संचार कर रहा था। आस्था के आगे प्रकृति ने भी एक तरह से हार मान ली। बीते कई दिनों से सूर्यदेव अपने प्रचंड रूप में थे। लेकिन, शनिवार को आसमान में बादल छाए हुए थे। रह-रह कर हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। फुहारों वाली बारिश पथ पर डाले गए बालू पर चलने में श्रद्धालुओं की मददगार बन रही थी। कच्ची मार्ग के किनारे में बनाए गए बडे - बडे पंडाल कांवरियों से अटे पडे थे। अगल - बगल गांव के लोग कच्ची कांवरिया पथ के किनारे खड़े होकर कांवरियों को निहार रहे थे। ग्रामीण भी कांवरियों के साथ बोल बम का जयघोष कर कांवरियों का उत्साह बढ़ा रहे थे। शुक्रवार की रात्रि से ही प्रशासनिक शिविर के लिए तैनात दंडाधिकारी ,पुलिस बल एवं स्वास्थ्य कर्मी अपने-अपने प्रतिनियुक्त स्थल पर योगदान देने लगे थे। पीएचईडी विभाग द्वारा सभी शौचालयों पर सफाईकर्मियों को तैनात कर दिया गया था। कांवरिया मार्ग में बिजली की व्यवस्था एक बार फिर जिला प्रशासन द्वारा जेनरेटर के जरिये ही की गई। सीओ द्वारा कच्ची कांवरिया पथ पर मरकरी लाइट लगाई गई। मेला के पहले दिन ही गिरीडीह जिला के राज कुमार यादव की पत्नी अपने परिजनों से बिछड़ गई थी। दंडाधिकारी संजय कुमार तांती ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने महिला को गांव में उसके परिजनों से बात कराई। बाद में पुलिस ने आर्थिक सहयोग कर कांवर यात्रा को आगे बढ़ाया। पहले दिन ही एक लाख से भी अधिक शिवभक्तों का इस मार्ग से बाबाधाम की यात्रा हुई। वही मुख्य मार्ग पर हजारो की सख्या छोटे - बडे कांवरिया वाहनों का काफिला अहले सुबह से ही बाबाधाम की ओर प्रस्थान करते दिखा। प्रशासन द्वारा मार्ग के दोनो किनारे खडे वाहनो को हटाया गया। ¨लक रोड में भी दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को भी साफ कराया गया। ताकि, श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। कांवरिया पथ पर गांजा और भांग की बिक्री भी परवान पर दिखी। कांवरिया मार्ग में पहली बार अनुमंडल प्रशासन के द्वारा पहली बार मेला मित्र की तैनाती की गई। असरगंज एवं तारापुर प्रखंड़ में 50 -50 तथा संग्रामपुर प्रखंड में 76 टोला सेवक एवं तालिमी मरकज बतौर मेला मित्र का बैच लगाए कांवरियों की सेवा में तत्पर दिखे। संध्या काल में जिलाधिकारी के साथ सभी संबंधित अधिकारियो की टीम ने कमरांय से कुमरसार तक कांवरिया पथ का निरीक्षण किया।