मछुआरों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया मानसूनी बारिश
मुंगेर। बारिश का मौसम आते ही क्षेत्र के मछुआरों में खुशी की लहर देखी जा रही है। बारिश का मौसम आ गया
मुंगेर। बारिश का मौसम आते ही क्षेत्र के मछुआरों में खुशी की लहर देखी जा रही है। बारिश का मौसम आ गया है। नदी-तालाबों में पानी भर जाने से इन मछुआरों को तीन-चार माह तक रोटी का जुगाड़ आसानी से हो जाएगा। इसलिए मछुआरों ने अभी से ही नाव, जाल आदि की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। साल के आठ माह तक बेरोजगारी का दंश झेलने वाले इन मछुआरों को केवल बाढ़ के समय ही अच्छी कमाई हो पाती है। बाकी दिन ये लोग औपचारिकता के तौर पर कार्यरत रहते हैं। ज्ञात हो कि धरहरा प्रखंड में लगभग दो हजार से अधिक मछुआरों का एकमात्र आजीविका का साधन मछली मारना है। इनके अलावा इन मछुआरों को मनरेगा के तहत रोजगार भी कम ही मिल पाता है। काम के अभाव में क्षेत्र के सैकड़ों मछुआरे मौसमी बेरोजगारी के शिकार होते हैं। केवल चार माह ही ये लोग आनंद के वातावरण में गोते लगाते हैं। क्षेत्र के महेंद्र सहनी, लक्ष्मी सहनी, छठू सहनी, रंजू सहनी आदि मछुआरों का कहना है कि किसी भी पार्टी की सरकार ने मछुआरों की ओर पूरा ध्यान नहीं दिया। इस कारण ये लोग आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के शिकार हैं। मछुआरा आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है। आगे इनलोगों का कहना है कि आर्थिक व समाजिक रूप से पिछड़ा होने के बाद प्राथमिकता के तौर पर इंदिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। लिहाजा अब हम मछुआरों में भी राजनीतिक एकजुटता होने लगी है। विधान सभा चुनाव में जो प्रत्याशी हमारे हित की सोचेंगे उन्हें अपना वोट देंगे।