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शहर के आसमान में नहीं चमकता है पारदर्शिता का सूरज

मुंगेर। शहर के विकास के लिए जरुरी है विकास कार्यों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता। पारदर्शिता के लिए

By Edited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 09:41 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 09:41 PM (IST)
शहर के आसमान में नहीं चमकता है पारदर्शिता का सूरज

मुंगेर। शहर के विकास के लिए जरुरी है विकास कार्यों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता। पारदर्शिता के लिए नगर निगम या स्थानीय निकाय द्वारा किए गए विकास कार्यों, योजनाओं व अन्य निर्णयों तथा घोषणाओं को जनता तक पहुंचाना। इससे लोगों को यह जानकारी रहती है कि उनकी सुविधा व उनके शहर के विकास के लिए फलां-फलां कार्य हो रहे हैं या योजनाएं क्रियान्वित होनी है। इस पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए जरुरी है कि स्थानीय निकाय या नगर निगम एक मासिक पत्रिका का प्रकाशन हो या फिर उनके वेबसाइट पर ऐसे कार्यों को अपलोड किया जाए। ताकि लोग नगर निगम के वेबसाइट या ई-पोर्टल पर जाकर उस लेखा-जोखा को देख व समझ सके तथा अपनी राय दे सके। इससे स्थानीय निकाय को भी लोगों के लिए काम करने में सुविधा होगी। साथ ही शहर वासियों से एक संवाद बना रहेगा और कार्यों में पारदर्शिता आएगी। अगर मुंगेर की बात करें तो मुंगेर से न तो ऐसी कोई पत्रिका का प्रकाशन होता है और न ही कोई ई-पत्रिका या पोर्टल अपडेट होती है। लोग चाहकर भी शहर के विकास कार्यों व नई चीजों के बारे में नहीं जान सकते हैं। स्मार्ट सिटी के लिए आज सबसे जरूरी चीज मजबूत ई-गर्वनेंस है। इसके माध्यम से ही अधिक से अधिक लोगों को विकास कार्यों से जोड़़ा जा सकता है और विश्वसनीयता का निर्माण किया जा सकता है।

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जनता बोली :

- नगर निगम में विकास कार्यों के क्रियान्वयन को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती जाती है। लोगों को किसी भी माध्यम से कोई जानकारी नहीं दी जाती है। इस मामले में नगर निगम को शून्य अंक देना ही मुनासिब होगा।

मनोज कुमार, मुंगेर

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- नगर निगम के तहत क्या काम होता है। क्या टेंडर हो रहा है। कौन सी नई विकास योजना पर काम चल रहा है। शहरवासियों को इसका कोई पता नहीं चल पाता है। नगर निगम की वेबसाईट या पोर्टल पर भी ऐसी कोई जानकारी नहीं रहती है। ऐसे में इस मामले में नगर निगम को शून्य अंक देना भी काफी है।

रविकांत केशरी, दीन दयाल चौक

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- नगर निगम को लोगों तक किसी भी माध्यम से विकास के योजनाओं या अन्य कार्यों की जानकारी पहुंचानी चाहिए। ताकि लोगों में नगर निगम के प्रति विचारों में परिवर्तन हो सके। नगर निगम की कोई ई-पत्रिका नहीं है।

नगर निगम को इस काम के लिए शून्य अंक मिलने चाहिए।

मुन्ना केशरी, गुलजार पोखर

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- नगर निगम को अपनी उपलब्धियों व विकास कार्यों को मासिक पत्रिका व ई-पोर्टल के जरिए लोगों को जानकारी देनी चाहिए। ताकि लोगों में नगर निगम के कार्यों के प्रति अच्छी राय बन सके और लोग भी इन पर अपने विचार रख सके। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। फिर भी मैं नगर निगम को पांच अंक दूंगा।

हेमंत कुमार साह, दीन दयाल चौक

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- नगर निगम को एक मासिक पत्रिका या महीने भर के कार्यों व प्रगति का लेखा जोखा वेबसाइट पर डालना चाहिए। इससे कार्यों में पारदर्शिता बनी रहेगी। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। यहां पारदर्शिता की कमी है। ऐसे में मुंगेर नगर निगम को मैं चार अंक दूंगा।

बजरंग शर्मा, कृपाराम पुल

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- नगर निगम के कार्यों व विभिन्न विकास योजनाओं की जानकारी किसी भी माध्यम से जनता तक नहीं पहुंचती है। ऐसे में कार्यों में पारदर्शिता का सवाल ही पैदा नहीं होता है। इस कारण मैं नगर निगम की इस कार्यशैली पर सिर्फ शून्य अंक दूंगा।

राजू कुमार, शादीपुर

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- नगर निगम में विकास का फंड कहां से आता है, कितना आता है औ कहां जाता है। इसकी जानकारी शहर के लोगों को भी मिलनी चाहिए। लेकिन नगर निगम के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए मैं नगर निगम को माइनस शून्य अंक दूंगा।

अखिलेश्वर प्रसाद गुप्ता, बेलन बाजार

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- वार्डों में साफ-सफाई तो देखने को मिलता है। लेकिन फंड या योजना की जानकारी नहीं मिल पाती है। क्योंकि लोगों तक ऐसी जानकारी पहुंचाने का नगर निगम के पास कोई माध्यम ही नहीं है। इससे कार्यों में पारदर्शिता पर सवाल खड़ा होता है। इस कारण मैं नगर निगम को तीन अंक दूंगा।

मुरारी शर्मा, बेलन बजार

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- नगर निगम से न तो कोई पत्रिका प्रकाशित होती है, न ही कोई कार्यशाला आयोजित होती है और न ही काई ई-पोर्टल या ई-पत्रिका ही अपडेट होती है। जिसपर लोग नगर निगम की कार्य योजनाओं, घोषणाओं, निर्णयों, विकास कार्यों आदि की जानकारी ले सके। ऐसे में नगर निगम कार्यशैली में पारदर्शिता का अभाव नजर आता है। इस कारण इस मामले में नगर निगम को शून्य अंक देना ही सही है।

प्रमोद कुमार, बेकापुर

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- नगर निगम पत्रिका, कार्यशाला, ई-पोर्टल या वेबसाइट के माध्यम से तो कोई जानकारी नहीं ही देती है। साथ ही वार्ड पार्षदों द्वारा भी नगर निगम की प्रगति या विकास कार्यों की कोई खबर मिल पाती है। ऐसे में लोग क्या करे। इस कारण नगर निगम को पारदर्शिता के आभाव के लिए शून्य अंक देना ही सही होगा।

प्रेम कुमार, बेकापुर

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निष्कर्ष :

नगर निगम मुंगेर द्वारा यहां की विकास कार्याें, कार्य योजनाओं, बजट, फंड एवं अन्य जानकारियों को किसी भी तरह से अपडेट कर वेबसाइट या पोर्टल पर नहीं डाला जाता है। साथ ही यहां से कोई इन हाउस पत्रिका का भी प्रकाशन नहीं होता है, जिसमें इसका लेखा जोखा हो। एक स्मार्ट सिटी के लिए यह कार्य अनिवार्य है। ऐसे में नगर निगम के कार्यों में पारदर्शिता की कमी साफ झलकती है। साथ ही लोगों के साथ परस्पर संवाद का भी अभाव दिखता है। इससे लोगों में नगर निगम के प्रति एक अलग धारणा पनपती है। काफी लोगों ने इस बात पर जोर दिया। पारदर्शिता में कमी के कारण अधिकतर लोगों ने आज फिर नगर निगम को शून्य अंक दिया है। यह नगर निगम की कार्यशैली व विश्वसनीयता को लेकर सही संकेत नहीं है।


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