Move to Jagran APP

कमजोर व वंचित लोगों को मिले न्याय : न्यायमूर्ति

मुंगेर : जिला परिषद सभागार में गुरुवार को विधिक जागरुकता कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का उद्घाट

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2015 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 07:45 PM (IST)
कमजोर व वंचित लोगों को मिले न्याय : न्यायमूर्ति

मुंगेर : जिला परिषद सभागार में गुरुवार को विधिक जागरुकता कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन बिहार स्टेट लीगल सर्विस ऑथोरिटी के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएन सिंहा, बिहार राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा निशा झा, जिला सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार श्रीवास्तव, डीएम अमरेन्द्र कुमार सिंह, एसपी वरुण कुमार सिन्हा आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। मंच संचालन अधिवक्ता साकेत चंद्र समैयार कर रहे थे। मौके पर उपस्थित अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति बीएन सिन्हा ने कहा कि कमजोर व वंचित लोगों को न्याय मिल सके । इसको लेकर सभी को पहल करना होगा। वंचितों को न्याय दिलाने में जन प्रतिनिधियों को महती भूमिका का निर्वाह करना होगा। स्वागत भाषण में जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के प्रयास से ही समाज के वंचित लोगों को न्याय दिलाई जा सकती है। उन्होंने जानकारी दिया कि जिला में पचास पैनल अधिवक्ता, पचास पारा विधिक स्वयं सेवक की नियुक्ति की गई है। जिसके माध्यम से 165 विद्यालयों में विधिक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है। पंचायत स्तर पर 33 जागरुकता शिविर आयोजित किए गए। अप्रैल 2014 से 15 तक चार मेगा लोक अदालत का आयोजन हुआ। वहीं, बिहार राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा निशा झा ने कहा कि ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, सरपंच सहित सभी जनप्रतिनिधियों को संवेदनशील होने की जरुरत है। पंचायत प्रतिनिधि अपने गांव को परिवार की तरह समझें। छोटे-मोटे विवाद को आपसी समझौते के आधार पर सुलझाने का प्रयास करें। स्थानीय स्तर पर विवाद नहीं सुलझाए जाने के कारण ही जुबेनाइल मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। मोबाईल चोरी, साइकल चोरी, पारिवारिक विवाद आदि में बच्चों पर केस दर्ज करा दिया जाता है। जिसके कारण बाल गृह में विधि विवादित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। कार्यशाला में उपस्थित जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर, विभिन्न प्रखंडों के प्रमुख, मुखिया, वार्ड सदस्य आदि को संबोधित करते हुए बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निशा झा ने कहा कि आप लोग सक्रिय होकर अपनी भूमिका निभाएं, तो लोगों को स्थानीय स्तर पर ही न्याय मिल सकता है। स्थानीय स्तर पर न्याय मिल जाएगी, तो लोग थाना व न्यायालय का चक्कर भी लगाने से बच जाएंगे। मौके पर मुंगेर नगर निगम की महापौर कुमकुम देवी ने न्यायमूर्ति से कहा कि जन प्रतिनिधियों को विवाद सुलझाने के लिए कानूनी जानकारियां मुहैया कराने हेतु प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

loksabha election banner

इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष रंजू देवी, उपविकास आयुक्त नागेन्द्र कुमार सिंह, उप महापौर बेबी चंकी, मुखिया पूनम देवी, मुरारी मोहन, संजीव तांती, प्रकाश कुमार, गोपाल सिंह, पीएलवी मो.जिलानी, हिमांशु कुमार, निरंजन कुमार, हर्ष कुमार, राजेश कुमार, मो.आफताब, सुषमा कुमारी, अमित कुमार, सनोज कुमार, अश्वनी आंनद आदि लोग मौजूद थे।

...........................

पुलिस के कारण बढ़ रहा नक्सल समस्या : एसपी

मुंगेर, संवाद सूत्र : बिहार स्टेट लीगल सर्विस ऑथरिटी के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएन सिंहा के समक्ष पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार ने कहा कि पुलिस की संवेदनहीनता के कारण नक्सल समस्या बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि खड़गपुर, धरहरा एवं टेटिया बम्बर में वन विभाग से संबंधित 55 सौ केश दर्ज हैं। यह केश वैसे लोगों पर दर्ज है। जिसने जीवन यापन के लिए जंगल से पेड़ की टूटी डाली उठा ली या पत्ता चुन कर बाहर निकल रहे थे। ताकि घर जाकर जलावन के रूप में दो वक्त का भोजन बना सके। इसमें अधिकांश अति पिछड़ी जाती के लोग हैं। वन विभाग के द्वारा उनलोगों पर केस दर्ज होने के कारण वे लोग जंगल छोड़कर पहाड़ में रहने लगे। उन्हें यह डर सताने लगा कि पुलिस पकड़ कर ले जाएगी। धीरे-धीरे वे नक्सली के सम्पर्क में आने लगे। उन्होंने कहा कि कानूनी रूप से पांच सौ रुपये जुर्माने की राशि अदा करने पर उनलोगों को केस से मुक्त किया जा सकता है। परंतु जानकारी के अभाव में वे लोग भागे-भागे फिरा करते हैं। उन्होंने निर्णय लिया कि पुलिस अधिकारियों के द्वारा राशि एकत्र कर जुर्माने की राशि अदा कर उनलोगों को इस प्रकार के केस से मुक्ति दिलाई जाए।

.........................

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद तुरंत मिलेगी राशि : संयुक्त सचिव

मुंगेर, संवाद सूत्र : जानकारी के अभाव में किसी प्रकार की घटना घट जाने पर आक्रोशित लोग सड़क जाम कर देते हैं। इससे नुकसान किसका होता है। जनता का ही। सड़क जाम के कारण कई बार एंबुलेंस में ही बीमार मरीज की मौत हो जाती है। अगर कानून की जानकारी आम लोगों को हो तो इस प्रकार की समस्याएं नहीं होगी। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त सचिव मनोज कुमार तिवारी ने जानकारी दिया कि तेजाब या बलात्कार जैसी घटना से कोई व्यक्ति हताहत हुए, तो उसे एक से तीन लाख रुपये तक की राशि तुरंत दी जाएगी। तलवार या आगलगी से किसी प्रकार घटना घटी तो पीड़ित को पचास हजार रुपये की राशि दी जाएगी। बस प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। राशि इसी शर्त पर पीड़ित को नहीं मिल सकता जब गैरकानूनी कार्य करते हुए उसके साथ हादसा होता हो। उन्होंने बताया कि दूरदर्शन पर कानून संबंधित विशेष जानकारी दी जा रही है। उसका लाभ उठाए। अगर किसी प्रकार की समस्या हो तो संवाद करें।

..........................

पीएलवी समझे अपने कर्तव्यों को

मुंगेर, संवाद सूत्र : न्यायमूर्ति बीएन सिन्हा ने पारा विधिक स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में कंपाउंडर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उसी प्रकार न्याय के क्षेत्र में पीएलवी का महत्वपूर्ण दायित्व है। उनकी कार्य सीमा अनंत है। लेकिन उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानना होगा। तभी वह समाज को बेहतर से बेहतर सेवा प्रदान कर सकते हैं। वे कहीं भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं व पीड़ितों को मदद के लिए लोक अदालत लेकर आ सकते हैं।

....................

सीडीपीओ के साथ होगा जिलाधिकारी का बैठक

मुंगेर, संवाद सूत्र : जिला परिषद में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर से विभिन्न प्रखंडों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों में अनियमितता की शिकायत न्यायमूर्ति से की। जन प्रतिनिधियों ने कहा कि बच्चों के हित में चल रहे इस योजना का शत प्रतिशत लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा है। आंगनबाड़ी सेविका की मनमानी के कारण बच्चे योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। वहीं शहर में संचालित कुछ आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चे ही नहीं पहुंचते। जब इसकी शिकायत सीडीपीओ से की जाती है, तो वे गंभीरता से इसे नहीं लेती है। इस बाबत जिलाधिकारी ने जनप्रतिनिधियों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही सीडीपीओ के साथ बैठक करेंगे।

....................

न्यायमूर्ति ने रिमांड होम का किया निरीक्षण

मुंगेर, जागरण संवाददाता : न्यायमूर्ति बीएन सिन्हा, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष निशा झा ने गुरुवार को बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान विधि विवादित वंदियों से पूछताछ की। वहीं, अधिकारियों को बाल सुधार गृह की व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.