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जज बनने पर छलके खुशी के आंसू

मुंगेर, जागरण संवाददाता : खुद को कर बुलंद इतना कि हर रजा से पहले खुद खुदा बंदे से पूछे, बता तेरी रजा

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 09:37 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 09:37 PM (IST)
जज बनने पर छलके खुशी के आंसू

मुंगेर, जागरण संवाददाता : खुद को कर बुलंद इतना कि हर रजा से पहले खुद खुदा बंदे से पूछे, बता तेरी रजा क्या है। उक्त पंक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया है एशिया चैंपियन एथलीट चांद शेखर व गीता देवी की लाडली बेटी प्रिया शेखर ने। प्रिया शेखर ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 28 वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में 45 वां रैंक हासिल कर सफलता का परचम लहरा दिया। अपनी पुत्री की उपलब्धि से अभिभूत चांद शेखर ने कहा कि वह बचपन से ही सिर्फ और सिर्फ जज बनना चाहती थी। दिल्ली विश्वविद्यालय से ला स्नातक करने के बाद वह अपने सपनों को पूरा करने में जुट गई। कैरियर के कई विकल्प होने के बाद भी वह सिर्फ न्यायिक परीक्षा में भाग लेती रही। वहीं, प्रिया शेखर ने भी अपनी सफलता का श्रेय अपने अभिभावकों को देते हुए कहा कि स्कूली शिक्षा के दौरान ही मैंने तय कर लिया था कि मुझे न्यायिक सेवा में जाना है। जज बनकर सही-गलत का फैसला करना है। मेरे पिताजी ने भी मेरे सपनों को पूरा करने में भरपूर सहयोग दिया। एक एथलीट खिलाड़ी होने के नाते वे हमेशा प्रेरित करते रहे। वह अक्सर कहा करते थे - कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। कोशिश करो, सफलता जरूर मिलेगी। आज अगर मेरे सपने पूरे हुए, तो निश्चित रूप से इसमें मेरे पिताजी का भरपूर योगदान रहा। प्रिया ने कहा कि एक न्यायिक अधिकारी के रूप में त्वरित व विधि सम्मत न्याय कर कानून के प्रति लोगों में विश्वास जगाना मेरी पहली प्राथमिकता होगी।


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